शिवसेना ने राहुल गांधी को याद दिलाया सावरकर का अपमान, कहा- ताली कभी एक हाथ से नहीं बजती


‘सामना’ में लिखा है कि पीएम मोदी को राजीव गांधी के लिए दिए गए बयान पर चुनाव आयोग की क्लीन चिट मिल गई है लेकिन राहुल गांधी को सावरकर का अपमान करने पर क्लीन चिट नहीं मिलेगी. मुंबईः शिवसेना के मुखपत्र सामना में पीएम मोदी द्वारा पूर्व पीएम दिवंगत राजीव गांधी के बारे में दिए गए बयान के बाद उपजे विवाद पर राहुल गांधी को कुछ या दिलाया है. शिवसेना ने जहां तक पीएम मोदी के बारे में कहा है कि उन्हें ऐसे बयानों से बचना चाहिए वहीं यह भी कहा है कि ताली कभी एक हाथ से नहीं बजती है.

सामना में लिखा है, प्रधानमंत्री मोदी के एक बयान को लेकर इन दिनों टीका-टिप्पणियों का कोहराम मचा हुआ है. पीएम मोदी को इस तरह बोलना शोभा नहीं देता, राजीव गांधी आज जिंदा नहीं हैं, देश के लिए उन्होंने अपना बलिदान दिया है’, ऐसा सुर इस बहाने लगाया जा रहा है. मोदी कुछ भी बोलते हैं, उनमें दूसरों के प्रति आदर नहीं, ऐसा भी कुछ लोगों का कहना है. प्रधानमंत्री पद पर बैठे व्यक्ति को संयम बरतना चाहिए यह मान्य लेकिन ताली एक हाथ से नहीं बजती. राहुल गांधी को दिखाया आईना
इसके साथ ही सामना ने कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी को भी आईना दिखाया है सामना में लिखा है. पार्टी ने अपने लेख में आगे लिखा है. ‘प्रधानमंत्री मोदी द्वारा राजीव गांधी के बारे में किया गया बयान गलत है, इसे एक बार मान भी लें पर क्रांतिकारियों के शिरोमणि वीर सावरकर के बारे में राहुल गांधी ने जिस तरह के गंदे शब्दों का इस्तेमाल कर संपूर्ण क्रांतिकारियों का जो अपमान किया था, उसके लिए किसी ने दुख व्यक्त किया है क्या? सामना में लिखा है, ‘एक सार्वजनिक सभा में राहुल गांधी ने वीर सावरकर ब्रिटिशों से माफी मांगकर कैसे छूटे इसकी नकल करके दिखा रहे थे. उन्हें अब प्रधानमंत्री ने उनका ‘कर्म’ ही दिखाया है.’

राहुल गांधी को नहीं मिलेगी क्लीन चिट

सामना में लिखा है कि पीएम मोदी को राजीव गांधी के लिए दिए गए बयान पर चुनाव आयोग की क्लीन चिट मिल गई है लेकिन राहुल गांधी को नहीं मिलेगी. लेख में लिखा है, ‘प्रधानमंत्री मोदी ने राजीव गांधी के बारे में जिन शब्दों का इस्तेमाल किया है वो आचार संहिता भंग करनेवाला नहीं है, ऐसी ‘क्लीन चिट’ अब चुनाव आयोग ने मोदी को दी है. मगर राहुल गांधी ने स्वातंत्र्यवीर सावरकर के बारे में जिन अपमानास्पद शब्दों का इस्तेमाल किया, कृति की इसके लिए उन्हें कभी भी ‘क्लीन चिट’ नहीं मिल सकेगी. सावरकर मृत्युंजय थे, वे महान स्वतंत्रता सेनानी तो थे ही लेकिन विज्ञाननिष्ठ हिंदुत्ववादी थे. गाय देवता नहीं बल्कि एक उपयुक्त पशु होने का विचार उन्होंने रखा. जाति प्रथा के खिलाफ वे लड़े और देश विभाजन के विरोध में वे खड़े रहे. ऐसे वीर सावरकर का सार्वजनिक अपमान राहुल गांधी ने किया है.

राहुल के बयान पर हुई शेम-शेम

शिवसेना ने कहा, ‘सावरकर का अपमान करनेवाला उनका वीडियो हमने चुनाव प्रचार के दौरान सार्वजनिक सभाओं में दिखाया तब लोगों ने ‘शेम शेम’ के नारे लगाए. स्वातंत्र्यवीर सावरकर आज अपना पक्ष रखने के लिए जीवित नहीं हैं. उनका अपमान करनेवाले राहुल गांधी को भी उनके कर्मों का फल मोदी ने दिया है. राजीव गांधी की हत्या दुर्भाग्यपूर्ण है ही लेकिन सावरकर का त्याग सदैव प्रेरणादायी है. राहुल गांधी ने मोदी को कहा है कर्म आपका इंतजार कर रहा है. मोदी ने सावरकर के बारे में राहुल गांधी के कर्म को तत्काल सामने लाया.’

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