लॉस एंजेल्स। अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेट उम्मीदवार के लिए संभावित 22 लोगों में उदारवादी और प्रगतिशील उम्मीदवारों में मंगलवार को जमकर टकराव हुआ। सीएनएन की ओर से आयोजित इस दूसरी डिबेट के पहले दिन दस संभावित उम्मीदवार ने भाग लिया, जिसमें सिनेटर एलिज़ाबेथ वारेन और सिनेटर बर्नी सैंडर्स पूरी डिबेट में छाए रहे। बुधवार को शेष उम्मीदवारों में पूर्व राष्ट्रपति जोइ बिडेन, सिनेटर कमला हैरिस, तुलसी गाबार्ड आदि भाग लेंगे। इस डिबेट में एलिज़ाबेथ वारेन 17.9 मिनट, बर्नी सैंडर्स 17.6 और बूटिगेग 14.4 मिनट हाज़िर जवाब रहे। इस डिबेट में सीएनएन के विद्वान एंकरों ने हेल्थ केयर, क्लाईमेट चेंज, आव्रजन सहित विदेश नीति पर ढेरों सवाल पूछे गए। इसके लिए प्रत्येक उम्मीदवार को साठ सेकेंड और प्रत्युत्तर में तीस सेकेंड का समय दिया गया था। इस डिबेट में हारवर्ड में पूर्व प्रोफ़ेसर और तेज़ तर्रार सिनेटर एलिज़ाबेथ वारेन और प्रगतिशील बर्नी सैंडर्स के बीच अनेक मुद्दों पर टकराव खुल कर सामने आया लेकिन दोनों का मत था कि हेल्थ केयर समाज के निम्न वर्ग तक सहज हो। सांसद टीम रियान का कहना था कि मेडी केयर फॉर ऑल, एक ग़लत अवधारणा है। मोंटाना के सत्तेव बूलोक ने कटाक्ष किया कि मेडी केयर फॉर ऑल से समाज में उच्च वर्ग को गुणवत्ता वाली हेल्थ केयर नहीं मिल सकेगी। बर्नी सैंडर्स का दृढ़ मत है कि समाज में अमीर और ग़रीब के बीच खाई बढ़ती जा रही है, जिस पर अंकुश लगाया जाना ज़रूरी है। उन्होंने छात्रों पर शिक्षा में लगातार बढ़ते ऋण की ओर भी लोगों का ध्यान आकृष्ट किया। बर्नी सैंडर्स ने यह भी कहा कि हेल्थ केयर सुगम हो और समाज के हर वर्ग तक पहुंचे। वहीं, युवा उम्मीदवार बूटिगेग ने कहा कि अगर वह राष्ट्रपति चुनाव में विजयी रहते हैं तो 18 साल से चले आ रहे अफगानिस्तान युद्ध को एक साल में ख़त्म कर देंगे।
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