चिली में संविधान बदलने को अगले साल जनमत संग्रह

सैंटियागो। महीनों से चल रहे प्रदर्शन और प्रदर्शनकारियों की मांग के मद्देनजर चिली ने शुक्रवार को घोषणा की कि तानाशाही के जमाने के संविधान को बदलने के लिए अगले साल देश में जनमत संग्रह कराया जाएगा। विदित हो कि देश की वर्तमान चार्टर साल 1980 में पूर्व सैन्य शासकअगस्तो पिनोचे ने लागू किया था जिसमें कालांतर में कई बार संशोधन किया गया है। फिर भी, इस चार्टर में शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने की जिम्म्वारी सरकार की नहीं है। इन्हीं दो मांगों को लेकर लाखों की संख्या में चिली के नागरिक सड़क पर उतरे हुए हुए हैं। सत्ताधारी गठबंधन और विपक्ष के बीच घंटों तक चली वार्ता के बाद नेशनल कांग्रेस के सांसद शुक्रवार को अगले साल अप्रैल महीने में जनमत संगह कराने पर राजी हुए हैं। आंतरिक मामले के मंत्री गोंजालो ब्लूमेल ने कहा कि यह समझौता नए समाजिक करार करने की दिशा में पहला कदम है, लेकिन ऐतिहासिक है। इसमें आम नागरिकों की भूमिका अहम होगी। सीनेट के अध्यक्ष जेम क्विंताना ने कहा कि जनमत संग्रह में मतदाताओं से पूछा जाएगा कि संविधान को बदला जाए या नहीं, अगर हां तो नये चार्टर को कैसे बनाया जाए? रिपोर्ट के मुताबिक, नये संविधान बनाने के लिए तीन तरह के मॉडल प्रस्तुत किए जाएंगे जो  पूर्ण रूप से निर्वाचित प्रतिनिधियों या राजनीतिक नियुक्तियां या फिर समान रूप से दोनों द्वारा बनाए जाएंगे।

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