बागी विधायकों का सदन में नहीं आना गठबंधन सरकार के लिए बड़ा नुकसान : सिद्धारमैया

बेंगलुरु। कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने कहा कि यदि हम विश्वास प्रस्ताव के साथ आगे बढ़ते हैं और अगर व्हिप लागू होने पर वे (बागी विधायक) सुप्रीम कोर्ट के आदेश के कारण सदन में नहीं आये हैं तो यह गठबंधन सरकार के लिए बड़ा नुकसान है। उन्होंने कहा कि जबतक हमें सुप्रीम कोर्ट के पिछले आदेश पर स्पष्टीकरण नहीं मिल जाता, तबतक इस सत्र में फ्लोर टेस्ट उचित नहीं है।
वहीं, कांग्रेस नेता एच के पाटिल ने कहा कि विश्वास मत से पहले यह निर्णय होना चाहिए कि बागी विधायक सदन के सदस्य हैं या नहीं। बागी विधायकों का कहना है कि उन्होंने इस्तीफा दे दिया है लेकिन उनके इस्तीफों को मंजूर नहीं किया गया है। इसलिए इस मुद्दे पर कुछ बातें साफ करने के लिए समय चाहिए।
इस बीच, असंतुष्ट विधायकों में शामिल वरिष्ठ कांग्रेस विधायक रामलिंगा रेड्डी विश्वास प्रस्ताव के लिए विधानसभा में आये। रेड्डी ने कहा कि उन्होंने पार्टी के आंतरिक मामलों के कारण अपना इस्तीफा दिया था।
जो विधायक आज सदन से गैरहाजिर रहे उनमें एसटी सोमशेखर, रमेश जारकीहोली, रोशन बेग, बैरठी बसवराज, मुनिरत्ना, श्रीमंत पाटिल, आनंद सिंह, बी नागेंद्र, आर शंकर, के गोपलय्या, नारायण गौड़ा, एमटीबी बसवराज, बीसी पाटिल, एच विश्वनाथ, महेश कुमटहल्ली, प्रताप गौड़ा पाटिल, डॉ सुधाकर, शिवराम हेब्बार और एन महेश शामिल हैं।

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