राम जन्मभूमि विवाद : विहिप, संतों-धर्माचार्याें की निगाहें सुप्रीम कोर्ट की रोजाना सुनवाई पर

अयोध्या। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद से रामनगरी के संत-धर्माचार्यों के बीच बेहद प्रसन्नता व्याप्त है। संत धर्माचार्याें के साथ विहिप का मानना है कि मोदी सरकार इस बार राममंदिर निर्माण के लिए कुछ न कुछ जरूर करेगी।

हिन्दू समाज और देश के संत धर्माचार्य राममंदिर के निर्माण को मोदी सरकार से कानून बनाकर अविलम्ब करायें जाने की मांग करते आ रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट राजनीतिक रूप से संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में मंगलवार से रोजाना सुनवाई करेगा।

उल्लेखनीय है कि मध्यस्थता के जरिये कोई आसान हल निकलने की कोशिश फेल होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले की रोजाना सुनवाई करने का फैसला किया है।

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान बेंच मामले की सुनवाई करेगी। इस बेंच में जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एसए नजीर भी शामिल हैं। सुनवाई की ओर रामनगरी के सभी लोगों की ​निगाहें सुबह से ही लगी हुई है।

अयोध्या के संत-धर्माचार्याें में जगी आस

अयोध्या के संत व धर्माचार्यो में आस जगी है कि कानूनी दांवपेंचों में 70 वर्षों से उलझे इस मसले का हल सर्वोच्च न्यायालय प्रतिदिन सुनवाई कर जल्द ही निकालेगा। श्रीरामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष एवं मणिराम दास छावनी के महंत नृत्य गोपाल दास ने हिन्दुस्थान समाचार से बातचीत में कहा कि रामजन्मभूमि मंदिर को तोड़कर मस्जिद का निर्माण बाबर ने करवाया था। तब देश की स्थिति दूसरी थी। अब मेयर, मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री से लेकर राष्ट्रपति तक हमारे हैं। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का काम मोदी सरकार ने बखूबी किया है। न्यायालय का हम सम्मान करते हैं। निर्णय से ही मंदिर बनेगा। देश के हिन्दू समाज और संतों को यह पूरा विश्वास है कि मोदी ही अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण करायेंगे।

उन्होंने कहा कि जनता चाहती है कि मोदी के प्रधानमंत्रित्व काल में पुनः रामराज्य की स्थापना हो, राष्ट्रीय भावना, राष्ट्रहित का चिंतन हो। उन्होंने कहा कि जनता मोदी सरकार से पूर्ण रूप से आशान्वित है। संत-महात्माओं का भी मोदी को आशीर्वाद प्राप्त है।

उन्होंने कहा कि अनेक सरकारों में आंदोलन हुआ, गोलियां खाए लोग जेलों में बंद हो प्रताड़ित हुए, फिर भी संकल्प से हटे नहीं और न आगे हटने वाले हैं। उन्होंने कहा कि देश का संत समाज अब हर कीमत पर अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण चाहता है और इससे कम पर कोई समझौता नहीं होगा। देश समाज के विकास के साथ हम सब जुड़े हैं। राम की जन्म भूमि पर मंदिर निर्माण होकर रहेगा।

विहिप के प्रवक्ता शरद शर्मा ने कहा कि हिन्दू समाज राम मंदिर के लिए उच्चतम न्यायालय के फैसले का अनंतकाल तक इंतजार नहीं कर सकता है। आज से हो रही सुनवाई का फैसला जल्द आना चाहिए। हिन्दू समाज राम की जन्म भूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के लिए बहुत लम्बा इंतजार करने के पक्ष में नहीं है।

राम जन्मभूमि मुकदमें से जुड़े विहिप पदाधिकारी रामलला के सखा त्रिलोकी नाथ पाण्डेय का कहना है कि यदि कोई विशेष बात नहीं हुई और सुनवाई लगातार चली तो मुकदमें का फैसला जल्दी सुनाया जा सकता है। देशहित में इस मुकदमे का फैसला जल्द हो जाना चाहिए। राम लला टेंट में लंबे समय से इंतजार में हैं।

राममंदिर के लिए आमरण अनशन कर सुर्खियों में आए तपस्वी जी की छावनी के महंत परमहंस दास ने कहा कि मंदिर के नाम पर हो रही राजनीति समाप्त होनी चाहिए। सरकार से उम्मीद की जा रही है। जल्द राम मंदिर का निर्माण किया जाए। जिस प्रकार अनुच्छेद 370 हटाने में मोदी सरकार ने निर्णय लिया गया है। उसी तरह रामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के लिए मोदी सरकार निर्णय ले।

रामजन्मभूमि आन्दोलन में अग्रणी भूमिका में रह परमहंस रामचंद्र दास के शिष्य दिगम्बर अखाड़े के महन्त सुरेश दास ने कहा कि हमारे महराज जी ने वर्ष 1950 में ने फैजाबाद की जिला अदालत में याचिका दाखिल कर रामलला के दर्शन पूजन की अनुमति मांगी। तब से विभिन्न कोर्टो में मुकदमा चलता आ रहा है। अब हिन्दुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ नहीं किया जाना चाहिए। कानून बनाकर अविलंब राममंदिर के निर्माण की घोषणा होनी चाहिए।

रामनगरी में रह रहे बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा कि कोर्ट में हमारा कोई दबाव नहीं है। सुप्रीम कोर्ट जब चाहे तब इस मसले का फैसला सुनाए। सभी को कोर्ट का सम्मान करना चाहिए। हमें सुप्रीम कोर्ट का फैसला मान्य है। हम सुनवाई में शामिल होंगे।

राम जन्मभूमि मंदिर मामले के हिंदू पक्षकार महंत धर्मदास ने कहा कि जहा पर रामलला का मंदिर बनना है वह स्थान राम जी का है। न्यायालय सुबूत के आधार पर ही सुनवाई कर फैसला सुनाएगी। अब बहुत जल्द ही सुप्रीम कोर्ट का फैसला भी राम मंदिर के पक्ष में आएगा। जैसे ही सुप्रीम कोर्ट का फैसला आएगा वैसे ही तीव्र गति पर श्री राम मंदिर का निर्माण शुरू हो जाएगा।

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