रांची। पूर्व केन्द्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुबोधकांत सहाय ने कहा है कि लम्बी चुनावी प्रक्रिया में 30 नवम्बर से 20 दिसंबर तक सभी पांच चरणों में कांग्रेस-झामुमो गठबंधन की बढ़त बरकरार रही।
कांग्रेस की झारखण्ड चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष सहाय ने शनिवार को कहा कि रघुवर सरकार की विदाई निश्चित है और भारतीय जनता पार्टी को यह आत्मनिरीक्षण करना चाहिए कि विकास को छोड़कर समाज को तोड़ने एवं सांप्रदायिक ध्रुवीकरण से देश और झारखण्ड को कितना नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि विकास के मोर्चे पर रघुवर सरकार पिछले पांच साल में बुरी तरफ फ्लॉप रही है। भूख से 22 लोगों की मौत और मॉब लिंचिंग की अनेक घटनाओं के बाद लोगों का आक्रोश ईवीएम में बंद हो चुका है। उन्होंने कहा कि पांच साल के अपने कार्यकाल में यह सरकार किसी भी शहर में एक भी फ्लाई ओवर का निर्माण नहीं कर सकी और पूरा झारखण्ड सामान्य नागरिक सुविधाओं के लिये भी तरसता रहा।
सहाय ने कहा कि मुख्यमंत्री रघुवर दास ने स्वयं कहा था कि यदि 2018 के अंत तक वे निर्बाध विद्युत आपूर्ति ना दे सके तो वे वोट माँगने नहीं आयेंगे लेकिन अपनी बातों से मुकरना और वादाखिलाफ़ी भाजपा की पुरानी आदत है। पूरे झारखण्ड में एंटी इनकमबेंसी देखने को मिला है।सहाय ने कहा कि लम्बी चुनावी प्रक्रिया अपने आपमें रघुवर सरकार की विफलता की कहानी कहती है क्योंकि चुनाव आयोग ने नक्सली हिंसा की आशंका को इसका कारण बताया था जबकि सरकार नक्सल पर अंकुश का झूठा दावा पिछले पाँच साल से करती रही।
उन्होंने कहा कि यह विडंबना ही है कि रघुवर सरकार के दौरान पद पर आनेवाले कुछेक पुलिस महानिदेशकों ने एक साल के अंदर नक्सल पर नियंत्रण का झूठा दावा किया। अपने अवकाश से पहले अधिकांश वैसे अधिकारी भाजपा प्रवक्ता की तरह व्यवहार करते रहे और रिटायरमेंट के बाद वे भाजपा में शामिल हो गये।
सहाय ने कहा कि दोहराया कि राज्य में कांग्रेस-झामुमो और राजद गठबंधन अपनी सरकार बनाने जा रही है। यह गठबंधन जनभावनाओं के अनुरूप अपना काम करेगी। उन्होंने कहा कि अब झारखण्ड के लोग इस बात को प्रमाणित करेंगे कि भाजपा की केंद्र और राज्य सरकार जनआकांक्षाओं के विरुद्ध काम कर रही है।
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