रघुवर सरकार का कार्यकाल सुशासन और विकास का कार्यकाल : भाजपा

रांची। भाजपा ने दावा किया है कि रघुवर सरकार का साढ़े चार वर्षों का कार्यकाल सुशासन और विकास का कार्यकाल है, जबकि हेमंत सरकार का 14 महीने का कार्यकाल, राज्य के इतिहास में काला अध्याय है। 

सोमवार को पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शहदेव ने पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि रघुवर सरकार ने प्रदेश में विकास के साथ सबका साथ, सबका विकास के संकल्प को साकार करने की दिशा में अनेक कल्याणकारी योजनाएं लागू की। किसानों के लिए मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना किसानों के लिए वरदान साबित हुई है, जिसमें प्रति एकड़ 5000 रुपये की सहायता राज्य सरकार सीधे किसानों के खाते में भेज रही है। यह राशि केंद्र सरकार की योजना के अतिरिक्त है। 

मुख्यमंत्री सुकन्या योजना बेटियों के सर्वांगीण विकास के लिए अद्वितीय योजना है, जिसमें पढ़ाई को बढ़ावा देने के साथ कम उम्र की शादी रोकने की दिशा में पहल की गई है। लड़की के जन्म पर 5 हजार रुपया नामांकन के समय 5 हजार रुपए, क्लास 5 मे 5 हजार रुपए, 8 में 5 हजार रूपए 10वी में 5 हजार रूपए तथा 18 वर्ष में अविवाहित रहने पर 10 हजार रूपए उनके खाते में दिए जाने का प्रावधान है। 

उन्होंने कहा कि राज्य में बिजली समस्या के स्थाई समाधान की दिशा में ठोस पहल की गई। नए ग्रिड, ट्रांसमिशन लाइन, सब स्टेशन निर्माण का कार्य अंतिम चरण में है। पानी की समस्या के निराकरण की दिशा में ठोस कदम उठाए गए। आदिम जनजाति के सभी 2250 टोलों में पहली सितम्बर तक पाइपलाइन से पानी पहुंचा दिया जाएगा। शाहदेव ने कहा कि भारत का सबसे सुंदर हज हाउस बनाकर सरकार ने जनता को समर्पित कर दिया। 

उन्होंने कहा कि पहली बार एसटी आयोग और पिछड़ा वर्ग वित्त विकास निगम का गठन हुआ, किसानों के बीमा प्रीमियम का भुगतान सुनिश्चित हुआ, सखी मंडल के माध्यम से राज्य के 17 लाख बहनों को स्वरोजगार से जोड़ा गया। ताना भगत विकास प्राधिकरण का गठन, 108 एम्बुलेंस सेवा, एक रूपये में 50 लाख तक की संपत्ति का महिला के नाम रजिस्ट्री, सुदूर ग्रामीण क्षेत्र पेसरार, गुदड़ी, गरू जैसे गांवों तक बिजली की सुविधा पहुंचाई गई। उन्होंने कहा राज्य की सांस्कृतिक परंपरा के संरक्षण के लिए सरकार ने धर्मांतरण कानून बनाकर बड़ा कार्य किया है। 

शाहदेव ने कहा कि हेमंत सरकार को अपना कार्यकाल याद करना चाहिए, जिसमें नौकरियों का अकाल पड़ चुका था। स्थानीय नीति के नाम पर सरकार तो गिरी पर नीयत में खोट के कारण नीति नहीं बना सके। बालू घाट मुंबई को बेच दिया, तत्कालीन मंत्री ददई दुबे ने सरकार को ट्रांसफर-पोस्टिंग उद्योग बताया था। राज्यसभा में बाहरी व्यक्ति को भेजनेवाले के मुंह से स्थानीयता कि बात शोभा नहीं देती। ये वही सरकार थी, जिसमे हेमंत ने सभी मुख्य पदों पर बाहरी को बैठाया था। प्रेसवार्ता में प्रदेश भाजपा के मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक उपस्थित थे।

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