कानपुर । गंगा की अविरलता और निर्मलता को लेकर शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में कानपुर में हुई बैठक खत्म हो गई है। इसके बाद प्रधानमंत्री गंगा किनारे अटल घाट पहुंचे और गंगा पर बनाई गई पेंटिंग का अवलोकन किया। प्रधानमंत्री विशेष स्टीमर के जरिये गंगा का जलीय निरीक्षण कर मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा करेंगे।
राष्ट्रीय गंगा परिषद की बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे प्रधानमंत्री का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित जनप्रतिनिधियों ने स्वागत किया।
इसके बाद प्रधानमंत्री बैठक स्थल चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) पहुंचे। बैठक में हिस्सा लेने के बाद प्रधानमंत्री ने नमामि गंगे परियोजनाओं का हाल जाना और उसमें गिर रहे नालों का जायजा लिया। करीब दो घंटे की लंबी बैठक में नमामि गंगे के अगले चरण और नए एक्शन प्लान को लेकर विमर्श के साथ ही कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इसके बाद गंगा की जमीनी हकीकत देखने के लिए प्रधानमंत्री अटल घाट के लिए रवाना हुए और अटल घाट पर गंगा की अविरलता और निर्मलता को लेकर लगी पेंटिंग प्रदर्शनी को भी देखा।
अटल घाट से 100 मीटर की फ्लोटिंग जेटी से अत्याधुनिक सुरक्षा से लैस मोटर बोट में सवार होकर प्रधानमंत्री करीब ढाई किलोमीटर तक की गंगा यात्रा करेंगे। इसके साथ ही ऐतिहासिक गंदा नाला सीसामऊ के द्वार तक जाएंगे। यहां पर प्रधानमंत्री देखेंगे कि गंगा का कलंक कहा जाने वाला सीसामऊ नाला पूरी तरह से बंद है कि नहीं, हो सकता है कि इस जगह पर प्रधानमंत्री सेल्फी भी लें।
एनजीसी की बैठक के बाद सीएसए में ही प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, त्रिवेन्द्र सिंह रावत व मंत्रियों के साथ स्वल्पाहार किया। एडीएम वित्त एवं राजस्व वीरेंद्र पांडेय ने बताया कि दिल्ली से लाया गया छोला-कुलचा प्रधानमंत्री ने खाया। इसके अलावा मिक्स्ड फ्रूट और बिना चीनी की चाय ली।
अपने शहर में प्रधानमंत्री के आने को लेकर शहरवासियों में गजब का उत्साह रहा। अटल घाट पर चारों ओर भीड़ लग गई। कोई पानी के टैंकर में खड़ा होकर तो कोई मुख्य द्वार पर पुलिस से संघर्ष करता दिखाई दिया। प्रधानमंत्री के दौरे को लेकर यहां सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए गए। सभी को गहन तलाशी के बाद ही अंदर जाने दिया गया।
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