मुंबई। सरकार पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पएफआरडीए) को सभी पेंशन उत्पादों का एकमात्र नियामक बनाने की दिशा में बढ़ रही है। पीएफआरडीए के सदस्य (वित्त) सुप्रतिम बंदोपाध्याय ने शुक्रवार को संवाददाताओं को यह जानकारी दी। उन्होंने यह भी कहा कि अपने बजट पूर्व प्रस्ताव में निकाय ने पेंशन कोष में योगदान के लिये कर छूट सीमा आयकर कानून की धारा 80 सीसीडी (1बी) के तहत 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये करने की सिफारिश की है। फिलहाल पेंशन उत्पादों की बिक्री बीमा कंपनियों के साथ-साथ म्यूचुअल फंड कंपनियां करती हैं। इसके कारण इरडा और सेबी दोनों इसके नियामक हैं। बंदोपाध्याय ने कहा, ‘‘पीएफआरडीए कानून में संशोधन के लिये वित्त मंत्रालय से सैद्धांतिक मंजूरी मिल गयी है। इससे पीएफआरडीए पेंशन उत्पादों के लिये एकल नियामक बनेगा।’’ उन्होंने कहा कि प्राधिकरण को पीएफआरडीए कानून में संशोधन संसद के बजट सत्र में पारित होने की उम्मीद है। नई पेंशन योजना के प्रति लोगों को आकर्षित करने के लिये पीएफआरडीए ने योजना के तहत कर छूट लाभ की सीमा दोगुनी करने का प्रस्ताव दिया है। नियामक ने यह भी सिफारिश की है कि सरकार एनपीएस (नई पेंशन प्रणाली) के तहत पेंशन उत्पाद खरीदने के बजाए निश्चित राशि निकासी (सिस्टेमेटिक विड्राल प्लान-एसडब्ल्यूपी) की अनुमति दे।
This post has already been read 5900 times!