रांची। चतरा जिले के पिपरवार हत्याकांड मामले में पोस्टमार्टम के बाद शनिवार को दोनों बच्चियों का शव गांव पहुंचने के बाद एक बार फिर लोग आक्रोशित हो गये। उनका गुस्सा एक बार फिर भड़क गया। बड़ी संख्या में महिलाएं और ग्रामीण शवों को पिपरवार थाना के समक्ष रखकर 10 घंटे से ज्यादा प्रदर्शन किया और दोनों बच्चियों के हत्यारों को फांसी देने की मांग की।
प्रदर्शनकारी अड़े हुए थे कि जब तक न्याय नहीं मिलेगा। बच्चियों के शवों का अंतिम संस्कार नहीं होने देंगे। इससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई। ग्रामीण इतने आक्रोशित थे कि एक अन्य बच्ची का शव श्मशान घाट से धरना स्थल पर ले आए। इस दौरान आक्रोशित लोगों ने कई जगहों पर बीच सड़क पर आगजनी भी की।
पुलिस के आश्वासन के बाद भी लोग यह मानने को तैयार नहीं
पुलिस के आश्वासन के बाद भी लोग यह मानने को तैयार नहीं थे कि बच्चियों के साथ बलात्कार नहीं हुआ है। लोगों का कहना है कि प्रशासन मामले को दबाने के लिए झूठी खबर छपवा रही है। इसको लेकर ग्रामीण मीडिया के खिलाफ भी आक्रोशित थे। एसडीपीओ आशुतोष कुमार सत्यम ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई है।
बताया जा रहा है कि एक बच्ची के परिजन शव को अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट ले गए थे, लेकिन गांव के कुछ लोग वहां पहुंचे और शव को अर्थी समेत प्रदर्शन स्थल पर लेकर आ गए। प्रशासन की ओर से किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए काफी संख्या में सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। घटनास्थल पर रैफ, आईआरबी एवं झारखंड पुलिस के जवान तैनात किए गए हैं। मौके पर चतरा और सिमरिया के एसडीओ, सीओ और मजिस्ट्रेट मौजूद थे।
पुलिस सूत्रों के अनुसार पिपरवार के जंगल में दो नाबालिग बच्चियों से दुष्कर्म में असफल रहने पर आरोपितों ने उन्हें पत्थर से कुचल कर मार डाला था। दोनों बच्चियां लगभग दस साल की थी। इनके साथ तकरीबन आठ साल का एक बच्चा भी शामिल था। उसे भी आरोपित ने पत्थर से कुचल डाला। उसकी स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है। आरोपित ने तीनों को फल खिलाने के बहाने जंगल ले गया था। घटना के अगले दिन एक बच्ची का शव जंगल में मिला था। जबकि एक अन्य बच्ची ने इलाज के दौरान रिम्स में दम तोड़ दिया था।
40 घंटे बाद भी औद्योगिक गतिविधियां ठप
मामले के लगभग 40 घंटे बीत जाने के बाद भी कोयलांचल की औद्योगिक गतिविधियां पूरी तरह से ठप हैं। बाजार बंद हैं। बचरा बाजार में शनिवार सुबह दुकानें खुलीं, लेकिन कुछ लोगों ने वहां पहुंचकर दुकानों को बंद करवा दिया।
क्या है पूरा मामला
दो दिन पहले बुधवार शाम तीन बच्चे लापता हो गए थे। इनमें करीब 10 वर्ष की दो बच्चियां और एक 8 वर्ष का बच्चा शामिल था। तीनों बच्चे टीएमएच कॉलोनी के पास जंगल में लकड़ी चुने गए थे। वहीं से तीनों का अपहरण कर लिया गया था। गुरुवार को किरीगड़ा जंगल में पहले 8 वर्षीय बच्चा खून से लथपथ मिला था। इसके बाद पुलिस और परिजन बच्चियों की तलाश करते हुए आगे बढ़े। इस दौरान जंगल से ही दोनों बच्चियां गंभीर रूप से जख्मी हालत में पड़ी मिली थी। इसके बाद सभी को अस्पताल ले जाया गया था। जहां एक बच्ची को डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। जबकि एक बच्ची और 8 वर्षीय बच्चे को रिम्स रेफर कर दिया गया था। रिम्स पहुंचने पर डॉक्टर ने दूसरी बच्ची को भी मृत घोषित कर दिया।
बच्चियों की मौत से आक्रोशित लोग पिपरवार थाना पहुंच गए और आरोपी को उनके हवाले करने की मांग करने लगे। मामला बिगड़ता देख आईटीबीपी के जवानों ने लाठीचार्ज किया। गुस्साए लोगों ने बाजार बंद करा दिया और कोयले की ढुलाई रोक दी।
अपहरण के बाद दोनों बच्चियों की हत्या से आक्रोशित लोगों ने शुक्रवार की सुबह से ही बड़ी संख्या में सड़कों पर उतर गये। थाना और अस्पताल को घेर लिया। पिपरवार में दुकानें पूरी तरह बंद करा दी। वाहनों का आवागमन पूरी तरह से ठप करा दिया।
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