रांची। झारखंड में विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं। चुनाव परिणाम के मुताबिक असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) पार्टी राज्य में बुरी तरह पिट गई है। एआईएमआईएम को राज्य में नोटा से भी कम वोट मिले हैं। अधिकतर उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। ओवैसी ने झारखंड विधानसभा चुनाव-2019 में जितनी जोर-शोर से प्रचार किया था, उसके मुकाबले पार्टी का प्रदर्शन बहुत फीका रहा।
असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम ने इसी साल महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव और बिहार उपचुनाव में जीत दर्ज कर सभी को चौकाया था। ओवैसी ने झारखंड की कुल 14 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। एआईएमआईएम ने झारखंड चुनाव में बोकारो, हजारीबाग, मधुपुर, सारठ, धनवार, गढ़वा, विश्रामपुर, राजमहल, डुमरी, बरकट्ठा, जमेशपुर पश्चिमी, महागमा, गांडेय और मांडू विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा।
इधर, झारखंड विधानसभा चुनाव में बिहार की प्रभावशाली पार्टियों का प्रदर्शन भी फीका रहा। चुनाव में जदयू और लोजपा का खाता भी नहीं खुला, हालांकि पांच सालों बाद फिर से झारखंड में राजद का खाता खुला और राजद के एक विधायक चुनाव जीत कर आए।
नीतीश कुमार की जनता दल(यू) ने कुल 31 सीटों पर चुनाव लड़ा मगर खाता भी नहीं खुला और इसे नोटा को मिले कुल 1.36 प्रतिशत मत से भी कम मात्र 0.73 प्रतिशत वोट मिले। वहीं रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी ने कुल 21 सीटों पर चुनाव लड़ा और इसका भी खाता तक नहीं खुला। इसे मात्र 0.30 प्रतिशत वोट मिले। दूसरी तरफ लालू प्रसाद यादव की राजद ने झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस के साथ मिलकर मात्र सात सीटों पर चुनाव लड़ा और इसे कुल 2.75 प्रतिशत मत मिले।
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