नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने एस्सार दिवाला प्रकारण में आज की स्थिति के अनुसार यथास्थिति बनाये रखने का सोमवार को आदेश दिया। न्यायमूर्ति रोहिंग्टन नरिमन की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि निगरानी समिति सात अगस्त को मामले की सुनवाई होने तक अपना काम करती रहेगी। पीठ राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण के चार जुलाई के आदेश के खिलाफ कर्जदाताओं की समिति की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। अपीलीय न्यायाधिकरण ने अपने इस आदेश में एस्सार स्टील के अधिग्रहण के लिये उद्योगपति लक्ष्मी मित्तल के नेतृत्व वाली अर्सलर मित्तल की 42,000 करोड़ रूपए की बोली को मंजूरी दे दी है। अपीली न्यायाधिकरण कर्ज में डूबी इस कंपनी के एक प्रमुख शेयरधारक द्वारा आर्सेलरमित्तल की बोली लगाने वाले की आर्हता को चुनौती देने वाली अर्जी अस्वीकार कर दी है। कर्ज में डूबी एस्सार स्टील पर वित्तीय लेनदारों और दैनिक परिचालन के लिए माल और सेवाएं उधार देने वालों के कुल 54,547 करोड़ रूपए की बकाया राशि के समाधान के लिये दिवाला और ऋण शोधन अक्षमता संहिता के तहत इस कंपनी की नीलामी की गयी थी। अपीली न्यायाधिकरण ने कहा था कि वित्तीय लेनदारों (ऋणदाताओं) को उनके 49,473 करोड़ रूपए के दावे का 60.7 फीसदी धन मिलेगा जबकि शेष राशि उधार आपूर्ति करने वालों को जाएगी।
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