धनबाद । कामरेड चारू मजुमदार की जन्मशतवार्षिकी के अवसर पर नक्सलबड़ी के जनक भाकपा-माले के संस्थापक का. चारू मजुदार का 47 वां शहादत दिवस निरसा के सेन्ट्ररलपुल कार्यालय में मनाया गया। इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि कामरेड चारू मजुमदार भाकपा माले के संस्थापक नेता थे व पार्टी के प्रथम केन्द्रीय महासचिव थे। उन्होंने कहा था कि कम्युनिस्ट का मतलब है कि जनता के सवालों पर संघर्ष करते रहना। जनता के स्वार्थ में मरना इंसान की सबसे महान जिम्मेदारी है। चाहे यह मौत क्रांति के किसी भी काम में क्यों न हो । उनका सपना था कि गांव-गांव में मजदूर- किसान का राज कायम हो । छात्र-नौजवानों की क्रांतिकारी भूमिका पर वे सदा मुखर थे । इसी क्रांति को कमजोर करने के लिए काॅ. चारू मजुमदार को कोलकता के लाल बाजार थाना में पुलिस ने 47 साल पहले हत्या कर दी थी । आज देश व राज्य में भाजपा की सरकार है और देश में नफरत फैलाकर सत्ता हासिल करने की राजनीति हो रही है । ऐसे समय में कम्युनिस्ट पार्टी के जिम्मेदारी बढ़ गई है। अंत में भाकपा माले के 30 जुलाई को कोलकता में राष्ट्रीय कार्यकर्ता कंवेंशन में निरसा से भागीदारी की अहवान किया गया ।
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