टेलिकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी ट्राई ने मोबाइल पोर्ट कराने से जुड़े नए नियम आज (16 दिसंबर 2019) से लागू कर दिए हैं। नए नियमों के अनुसार, अब उपभोक्ताओं को मोबाइल नंबर पोर्ट कराने के लिए अलग से यूनीक पोर्टिंग कोड (यूपीसी) जेनरेट कराना होगा। वहीं, मौजूदा सर्कल के यूजर्स का नंबर तीन दिन (वर्किंग डेज) के भीतर पोर्ट हो जाएगा। तो दूसरी तरफ एक सर्कल से दूसरे सर्कल में नंबर पोर्ट कराने में पूरे पांच दिनों का समय लगेगा। तो चलिए जानते हैं मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी के नए नियमों को विस्तार से…
यूपीसी कोड के जरिए नंबर होगा पोर्ट
ट्राई के मुताबिक, यूजर्स को नंबर पोर्ट कराने के लिए यूनीक कोड जेनरेट कराना होगा और यह कोड तभी जेनरेट होगा, जब उपभोक्ता सभी नियमों का पालन करेंगे। आपको बता दें कि पोस्टपेड ग्राहक अपने नंबर को किसी अन्य नेटवर्क पर तभी पोर्ट करा सकेंगे, जब उनके पेंडिंग बिल क्लियर होंगे।
पुराने बिल का करना होगा भुगतान
इसके अलावा उन ही नंबर को पोर्ट किया जाएगा, जो मौजूदा टेलीकॉम कंपनी के साथ 90 दिनों (तीन महीने) तक जुड़े रहे हैं। साथ ही दूसरी कंपनी के साथ जुड़ने से पहले उपभोक्ता को पुरानी कंपनी के नियम और शर्तों को पूरा करना होगा। वहीं, नई कंपनी नंबर पोर्ट करने से पहले यूजर्स को सारे नियम और शर्तों की जानकारी देगी।
यूपीसी कोड चार दिन तक रहेगा एक्टिव
नए नियम के अनुसार, यूनीक पोर्टिंग कोड यानी यूपीसी पूरे चार दिन तक एक्टिव रहेगा। हालांकि, जम्मू-कश्मीर, असम और नॉर्थ-ईस्ट में इस कोड की समय सीमा 30 दिन की होगी।
ऐसे करें मोबाइल नंबर पोर्ट
- मोबाइल नंबर पोर्ट कराने के लिए यूजर्स को यूनीक पोर्टिंग कोड यानी यूपीसी की जरूरत होगी।
- यूपीसी जेनरेट करने के लिए यूजर्स को मोबाइल में पोर्ट लिखकर स्पेस देना होगा और इसके बाद नंबर लिखकर 1900 पर मैसेज करना होगा।
- अब यूजर्स को यूपीसी कोड मिल जाएगा, जो पूरे चार दिन तक एक्टिव रहेगा।
- अब यूजर्स को जिस टेलीकॉम कंपनी की सेवाएं इस्तेमाल करनी है, तो उनको यूपीसी के साथ कस्टमर केयर सर्विस सेंटर पर जाना होगा।
- इसके बाद यूजर्स को ऐक्वजिशन फॉर्म (CAF) और पोर्टिंग फॉर्म में अपनी जानकारी भरनी होगी। इसके साथ ही पेमेंट के बाद केवाईसी दस्तावेज को भी जमा कराना होगा।
- यूजर्स को इसके बाद नई सिम के साथ एक एसएमएस मिलेगा।
- इस मैसेज में यूजर्स को नंबर पोर्ट के समय और दिन की जानकारी मिलेगी।
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