पूंजीगत खर्च में वृद्घि के आसार नहीं

मुंबई। क्रेडिट सुइस ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कॉरपोरेट कर दर में कटौती से लाभान्वित कंपनियां इस बचत का इस्तेमाल नए निवेश पर करने में सक्षम नहीं हो सकती हैं और इससे उनके नकदी स्तर में सुधार आ सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जहां 40 प्रतिशत कंपनियों द्वारा इस बचत (कॉरपोरेट कर कटौती) का इस्तेमाल उत्पाद या सेवा की कीमतें घटाने के लिए करने की संभावना तलाश रही थीं, वहीं अब सिर्फ 8 प्रतिशत बचत का लाभ ही कीमतों में कमी के तौर पर उपभोक्ताओं को दिया जा सकेगा। क्रेडिट सुइस ने कहा है कि उसके सर्वे में शामिल कंपनियां (1.1 लाख करोड़ डॉलर के बाजार पूंजीकरण वाली) वित्त वर्ष 2020 में कर लाभ के तौर पर 41,800 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2021 में 48,100 करोड़ रुपये बचाएंगी। रिपोर्ट के अनुसार, लेकिन जहां इससे धारणा को मजबूती मिलेगी, वहीं आर्थिक गतिविधि की सुस्ती कुछ समय तक बनी रहेगी। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘लगभग 90 प्रतिशत बचत का इस्तेमाल कर्ज जोखिम घटाने के लिए किए जाने की संभावना है या फिर इसका इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।’ निजी बैंकों, ऊर्जा क्षेत्र की कंपनियों, और पीएसयू बैंकों को कॉरपोरेट कर बचत का ज्यादा लाभ मिलेगा। क्रेडिट सुइस ने कहा है, ‘बैंकों द्वारा अपने ऋण बढ़ाने की संभावना नहीं है, लेकिन धातु, ऊर्जा, उद्योग क्षेत्र की कंपनियां भी नए पूंजीगत खर्च की योजना नहीं बना रही हैं।’

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