चौपारण सड़क दुर्घटनाओं के कारणों की जांच के लिए दिल्ली से एनएचआई की टीम हजारीबाग पहुंची है.

हजारीबागः हजारीबाग जिले में दनुआ-बनुवा घाटी में लगातार हो रही सड़क दुर्घटनाओं को लेकर राष्ट्रीय राजमार्ग ने गंभीरता दिखाई है. एनएच-2 में चौपारण सड़क दुर्घटनाओं के कारणों की जांच के लिए दिल्ली से एनएचआई की तीन सदस्यों की टीम देर शाम हजारीबाग पहुंची है.

टीम की अगुवाई राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के इंचार्ज पीके जायदा कर रहे थे, उनके साथ सड़क सुरक्षा विशेषज्ञ आर के सपरे और ओम अंशु शामिल हैं.

विशेषज्ञों ने दनुआ बनुवा घाटी का अवलोकन किया. घंटो तक रोड सेफ्टी के सदस्यों के अध्ययन के बाद कई निर्णय लिए गए हैं.
इस दौरान रोड सेफ्टी से संबंधित विषयों पर भी चर्चा की गई.

टीम विस्तृत रिपोर्ट जल्द एनएचएआई को भेजेगी, इसके बाद आगे की कार्रवाई होगी. इससे पहले भी घाटी की जांच जिले के डीसी रवि शंकर शुक्ला व एसपी मयुर पटेल ने की थी.

ज्ञात हो कि 10 जून को दनुआ-बनुवा घाटी में महारानी बस के दुर्घटनाग्रस्त होने से 11 यात्रियों की मौत हो गई थी. इस दुर्घटना में देश को झकझोर दिया था.

ढाई सालों में पूरा होगा फोर लेन से सिक्स लेन का कार्य
एनएचआई ने हज़ारीबाग जिला अंतर्गत चोरदाहा से गोरहर तक सिक्स लेन पूरा करने के लिए 910 दिनों का समय निर्धारित किया है. एनएचआई ने 71 किलोमीटर तक सड़क बनाने के लिए 336 हेक्टयर जमीन अधिग्रहण के लिए हज़ारीबाग जिला भू-अर्जन कार्यालय को कहा है. इस संबंध में हजारीबाग जिला भू-अर्जन कार्यालय को एनएचआई ने 210 करोड़ मुआवजा की राशि भी उपलब्ध करा दी है.

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