न्यूयॉर्क/नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को मंगलवार को साफ साफ बताया कि भारत पाकिस्तान के साथ बातचीत से कतराता नहीं है। बल्कि शर्त यह है कि पड़ोसी देश सीमा पार आतंकवाद को खत्म करने के लिए ठोस कदम उठाए। संयुक्त राष्ट्र भवन में डोनाल्ड ट्रंप के साथ वार्ता के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उन्होंने पाकिस्तान के साथ रिश्ते सुधारने के लिए कई बार पहल की लेकिन पाकिस्तान ने हर बार आतंकवादी कार्रवाइयों को अंजाम दिया। मोदी ने इस सम्बन्ध में अपने पहले कार्यकाल के दौरान शपथ ग्रहण के समय पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ सहित सभी सार्क नेताओं को आमंत्रित करने का जिक्र किया। साथ ही उन्होंने अपनी लाहौर यात्रा का भी उल्लेख किया, जिसके बाद पठानकोट वायु सेना के अड्डे पर आतंकवादी हमला हुआ। मोदी ने कहा कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के कारण जम्मू कश्मीर में पिछले 30 वर्षों के दौरान 42 हजार लोग मारे गए हैं। अंतरराष्ट्रीय बिरादरी को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष करना होगा। इस मौके पर राष्ट्रपति ट्रम्प ने आतंकवाद को लेकर भारत की चिंता के प्रति समझदारी का इजहार किया। विदेश सचिव विजय गोखले ने वार्ता का ब्यौरा देते हुए कहा कि दोनों नेताओं के बीच बातचीत करीब 40 मिनट तक चली। उन्होंने जम्मू कश्मीर पर अमेरिकी मध्यस्थता के बारे में कहा कि भारत पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि अगर किन्हीं मुद्दों पर पाकिस्तान के साथ बातचीत होनी है तो यह केवल द्विपक्षीय ही होगी। विदेश सचिव ने कहा कि पाकिस्तान को भली-भांति पता है कि वार्ता शुरू करने के लिए उसे आतंकवाद के खिलाफ कौन से कदम उठाने हैं। यह उसके ऊपर है कि वह यह कदम उठाता है या नहीं। उन्होंने कहा कि व्यापार विवाद को सुलझाने की दिशा में काफी प्रगति हुई है। मोदी और ट्रम्प दोनों ने आशा व्यक्त की है कि इस बारे में समझौता शीघ्र हो सकता है।
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