ह्यूस्टन। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अर्थव्यवस्था सहित देश को मजबूत बनाने की दिशा में उठाये गए कदमों का जिक्र करते हुए शनिवार को कहा कि ‘‘भारत में सब अच्छा है, भारत में सब चंगा है।’’ ह्यूस्टन में एनआरजी स्टेडियम में हाउडी मोदी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘ आज भारत पहले के मुकाबले और तेज गति से आगे बढ़ना चाहता है। भारत कुछ लोगों की सोच को चुनौती दे रहा है, जिनकी सोच है कि कुछ बदल ही नहीं सकता। बीते पांच सालों में 130 करोड़ भारतीयों ने हर क्षेत्र में ऐसे नतीजे हासिल किए हैं जिनकी पहले कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था। ’’ मोदी ने हिन्दी, पंजाबी, बंगाली, गुजराती सहित कई भाषाओं में कहा कि भारत में सब कुछ अच्छा है। उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिका में कुछ मित्रों को आश्चर्य हो रहा होगा कि मैंने क्या कहा। मैंने इतना ही कहा कि सब कुछ अच्छा है।’’ माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री का संकेत कश्मीर के ताजा हालात और भारतीय अर्थव्यवस्था की वर्तमान स्थिति को लेकर हो सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ अलग-अलग पंथ, संप्रदाय, सैकड़ों तरह का अलग-अलग क्षेत्रीय खान-पान, अलग-अलग वेशभूषा और अलग-अलग मौसम एवं ऋतु चक्र भारत को अद्भुत बनाते हैं। मोदी ने कहा, ‘‘ सदियों से हमारे देश सैकड़ों भाषाओं, सैकड़ों बोलियां, सहअस्तित्व की भावना के साथ आगे बढ़ रहा हैं। ’’ उन्होंने कहा कि भारत की अलग अलग भाषाएं और उदार एवं लोकतांत्रिक समाज हमारी पहचान है। अलग अलग भाषा, अलग अलग पंथ, पूजा पद्धति, वेषभूषा इस धरती को अद्भुत बनाये हुए हैं। सरकार की आर्थिक पहल के संदर्भ में मोदी ने कहा कि भारत ने 5000 अरब डालर की अर्थव्यवस्था बनाने की तैयारी और काम शुरू कर दिया है। हम आधारभूत ढांचा, निवेश और निर्यात को बेहतर बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। मोदी ने कहा कि सबसे बड़ा मंत्र है- सबका साथ-सबका विकास, भारत की सबसे बड़ी नीति है- जन भागीदारी, भारत का सबसे प्रचलित नारा है- संकल्प से सिद्धि और भारत का सबसे बड़ा संकल्प है- न्यू इंडिया। उन्होंने कहा कि हम भारत में लोकोन्मुखी, विकासोन्मुखी और निवेशोन्मुखी माहौल बना रहे हैं। मोदी ने कहा, ‘‘ हम सार्वजनिक आधारभूत ढांचे पर 100 लाख करोड़ रूपये का निवेश कर रहे हैं। पिछले पांच वर्षो में दुनिया में अनिश्चितता के बीच भारत का विकास दर 7.5 प्रतिशत रहा है। यह किसी भी सरकार का श्रेष्ठ औसत है। ’’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ भारत का कारपोरेट कर में कटौती करने के निर्णय से वैश्विक स्तर पर कारपोरेट नेताओं के बीच अच्छा संदेश गया है। ’’
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