नई दिल्ली। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने गुरुवार को लोकसभा में कहा कि देश में अल्पसंख्यक का मतलब केवल मुसलमान नहीं हैं। इसके अलावा भी छह अन्य समुदाय हैं, जिन्हें अल्पसंख्यक का दर्जा प्राप्त है। उनकी सरकार सम्मान के साथ इन सबका तुष्टीकरण के बिना विकास करना चाहती है।
लोकसभा में अब्दुल खालेक के प्रश्न का उत्तर देते हुए केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि अल्पसंख्यकों में मुसलमानों के अलावा बौद्ध, जैन, सिख, ईसाई, और पारसी समुदाय भी आता है, जिनके कल्याण के लिए भारत सरकार काम कर रही है। पहले केलल 90 जिलों को अल्पसंख्यकों से जोड़ा जाता था उनकी सरकार ने इन जिलों की संख्या 308 कर दी जहां अल्पसंख्यक समाज रहता है। इनके लिए उनकी सरकार ने कई जनविकास कार्यक्रम किए हैं।
नकवी ने कहा कि पिछले तीन वर्षों के दौरान अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय को मिला बजटीय आवंटन 3827.26 करोड़ रुपये (2016-17), 4195.48 करोड़ रुपये (2017-18) और 4700.00 करोड़ रुपये (2018-19) रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जन विकास कार्यकम के लिए 1071.10 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जिसके तहत 40 छात्रावास, 1,628 स्मार्ट क्लास, 59 साध्वियां मंडप, 350 बाजार शेड, 21 आवासीय स्कूल, 37 स्कूल भवन, 4,083 अतिरिक्त कक्षाएँ, 88 स्वास्थ्य परियोजनाएँ और अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में 1,096 आंगनवाड़ी केंद्रों का निर्माण किया गया है।
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