रांची। मिट्टी को मिले जान, बढ़े झारखंड की शान और समृद्ध होंं किसान। इस नारे के साथ झारखंड की रघुवर दास सरकार खेत की मिट्टी को सेहतमंद बनाने में राज्य सरकार जुट गई है। सरकार ने बुधवार को मिट्टी की डॉक्टर दीदियों को पहचानपत्र और मिट्टी जांच के लिए मिनी लैब किट वितरित किये हैं, ताकि किसानों के खेतों की मिट्टी की जांच उनके ही पंचायत और गांवों में हो सके।
बुधवार को खेल गांव स्थित हरिवंश टाना भगत इनडोर स्टेडियम में मिट्टी की डॉक्टर सम्मान एवं मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरण समारोह में मुख्य अतिथि व राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि किसानों को उस मिट्टी में किस फसल की खेती करनी चाहिए, कौन से खनिज की मात्रा बढ़ानी चाहिए, इसकी जानकारी मिट्टी की डॉक्टर दीदियां उपलब्ध कराएंगी। इसके दो फायदे हैं, पहला किसानों के खेतों की उत्पादकता बढ़ेगी, जिससे किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को हम साध सकेंगे। वहीं, दूसरी ओर डॉक्टर दीदियों के आर्थिक स्वावलंबन का मार्ग प्रशस्त होगा।
इस कार्य से हर माह डॉक्टर दीदियां करीब 14 हजार रुपये कमा सकेंगी। मुख्यमंत्री ने वर्ल्ड आर्गेनिक एक्सपो में विजेता झारखंड की दीदियों को शुभकामनाएं देते हुये कहा कि डॉक्टर दीदियां यूं ही भारत भूमि की सेवा, स्वास्थ धरा, खेत हरा के नारे को चरितार्थ करेंगी।कार्यक्रम में मिट्टी की डॉक्टर पंचमी देवी, पार्वती देवी, मेघा देवी ने एक मिट्टी की डॉक्टर के रूप में अपना अनुभव लोगों के समक्ष साझा किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने मेघा देवी, सुमन देवी, ममता कुमारी, सुशीला बेदिया, पार्वती कुमारी को सांकेतिक तौर पर मिट्टी की डॉक्टर के रूप में पहचान पत्र व इंदुमती देवी, मुनिता कुमारी, गीता देवी एवं मंजू देवी को सांकेतिक रूप से प्रोत्साहन राशि प्रदान की।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने मिट्टी का डॉक्टर का लोगो का अनावरण भी किया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने प्रमिला देवी, रोपनी देवी, सुगण देवी, सोमा देवी को मिनी लैब किट एवं गोमती उराईन, संगीता देवी, पियो देवी और सुकरु देवी को सांकेतिक तौर पर मृदा स्वास्थ्य कार्ड सौंपा। समारोह में कांके विधायक डॉ. जीतू चरण राम, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. सुनील कुमार वर्णवाल, कृषि व पशुपालन सचिव पूजा सिंघल, कृषि निदेशक छवि रंजन, झारखंड स्टेट लाइवली हूड प्रमोशन सोसाइटी (जेएसएलपीएस) के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी राजीव कुमार, उपायुक्त रांची राय महिमापत रे, डीडीसी रांची अनन्य मित्तल, राज्यभर से आईं मिट्टी की डॉक्टर दीदियां, सखी मंडल की महिलाएं, कृषि विभाग के अधिकारी व अन्य लोग उपस्थित थे।
कृषि विकास दर में झारखंड ने कई राज्यों को पीछे छोड़ा
मुख्यमंत्री दास ने कहा कि 2014 से पूर्व राज्य की कृषि विकास दर – 4 प्रतिशत थी, लेकिन विगत साढ़े चार वर्ष में यह बढ़कर प्लस 14 प्रतिशत हो गया। आज बिहार की कृषि विकास दर 6.62 प्रतिशत, उड़ीसा की 10.7 प्रतिशत, बंगाल की 5.5 प्रतिशत और आंध्रप्रदेश की 11.39 प्रतिशत है और हमारी 14.5 प्रतिशत। इस दर को और बढ़ाने में मिट्टी की डॉक्टर की भूमिका मायने रखेगी। आने वाले दिनों में राज्य की 100 किसानों को फिर इजरायल भेजा जाएगा। इनमें 50 पुरुष किसान, 25 सखी मंडल की बहनें और 25 महिला किसान शामिल होंगी।
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