- केस लिस्टिंग नहीं होने का कारण उच्च न्यायालय में नहीं हो पाई सुनवाई
- दुमका कोषागार मामले में झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर मांगी है जमानत
- देवघर कोषागार से 89 लाख अवैध निकासी मामले में जुलाई में मिली थी जमानत
रांची। चारा घोटाला के चार मामलों के सजायाफ्ता बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की दीपावली और छठ अब जेल में
ही मनेगी। दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले पर झारखंड उच्च न्यायालय में
दायर जमानत याचिका पर आज शुक्रवार को सुनवाई होनी थी, लेकिन केस मेंशन (लिस्टिंग)
नहीं होने के कारण आज सुनवाई नहीं हो पाई। अब दीपावली और छठ की छुट्टी के बाद कोर्ट
खुलने पर 8 नवंबर को जमानत याचिका पर सुनवाई हो सकती है। तब तक लालू प्रसाद यादव
को जेल में ही रहना होगा। उल्लेखनीय है कि लालू प्रसाद यादव ने झारखंड उच्च न्यायालय
में याचिका दाखिल कर
दुमका कोषागार मामले में जमानत मांगी है। रांची के रिम्स (राजेंद्र इंस्टीट्यूट
ऑफ मेडिकल साइंसेज) के पेइंग वार्ड में भर्ती लालू ने याचिका में अपनी बीमारी का
हवाला दिया है। इस मामले में सुनवाई की तिथि 25 अक्टूबर थी। चारा घोटाले के
देवघर कोषागार से लगभग 89 लाख रुपये की अवैध निकासी के मामले में लालू को झारखंड
हाईकोर्ट से इसी साल 11 जुलाई को जमानत मिली थी, इसके बावजूद वे जेल से बाहर नहीं
आ पाए थे। क्योंकि, चारा घोटाले के तीन मामलों में वो सजायाफ्ता हैं। ऐसे में जब
तक दो अन्य दुमका और चाईबासा मामले में भी उनको जमानत नहीं मिलती है तब तक जेल से
बाहर आ पाना मुमकिन नहीं है। इसके अलावा इसी मामले में सुप्रीम कोर्ट से बेल
रिजेक्शन के बाद झारखंड उच्च न्यायालय ने सुनील गांधी को जमानत दी थी।
दुमका, देवघर और चाईबासा कोषागार मामले में सीबीआई कोर्ट ने सुनाई है सजा
लालू को चारा घोटाले के दुमका, देवघर और चाईबासा कोषागार मामले में सीबीआई कोर्ट ने सजा सुनाई है। अवैध निकासी के दुमका मामले में पांच तथा चाईबासा मामले में लालू को सात साल की सजा हुई है। इसके अलावा चारा घोटाले से जुड़े देवघर कोषागार से लगभग 89 लाख रुपये की अवैध निकासी के मामले में 23 दिसंबर 2017 को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को दोषी ठहराया था। इस मामले में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने लालू यादव को साढ़े 3 साल की सजा सुनाई थी। लालू सजा की आधी अवधि जेल में काट चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट के अनुसार, सजा की आधी अवधि जेल में काटने पर सजायाफ्ता को जमानत दी जा सकती है। इसी को आधार बनाकर लालू यादव ने झारखंड उच्च न्यायालय में जमानत याचिका दाखिल की थी।
17 मार्च 2018 से रिम्स में इलाजरत हैं लालू
पिछले साल 17 मार्च को लालू की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें पहले रांची के रिम्स (राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज) और फिर दिल्ली एम्स में भर्ती किया गया था। कोर्ट ने उन्हें 11 मई को इलाज के लिए छह हफ्ते की पैरोल मंजूर की थी। इसे बढ़ाकर 14 और फिर 27 अगस्त तक किया। इसके बाद कोर्ट ने 30 अगस्त को लालू को कोर्ट में सरेंडर करने का निर्देश दिया था। उसके बाद से लालू रिम्स में इलाजरत हैं। वे रिम्स के पेइंग वार्ड में भर्ती हैं। लालू अनियंत्रित डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट की बीमारी, क्रॉनिक किडनी डिजीज (स्टेज थ्री), फैटी लीवर, पेरियेनल इंफेक्शन, हाइपर यूरिसिमिया, किडनी स्टोन, फैटी हेपेटाइटिसए प्रोस्टेट आदि बीमारी से पीड़ित हैं। फिलहाल उनकी सेहत स्थिर है।
This post has already been read 7061 times!