गोमो (धनबाद) : कोयलांचल के हजारों-लाखों लोगों की प्यास बुझाने वाली तोपचांची झील पूरी तरह से सूखने के कगार पर पहुंच चुकी है. जिससे कतरास कोयलांचल के लोगों को पीने के पानी की समस्या का सामना करना पड़ सकता है. तोपचांची झील में अभी सिर्फ 07 से 08 फीट ही पानी बचा है. पानी से हमेशा लबालब भरी रहने वाली तोपचांची झील लगभग पूरी तरह सूख चुकी है. झील के बीचो बीच सिर्फ 08 इंच ही पानी बचा है.
जानकारी के अनुसार तोपचांची झील से कतरास कोयलांचल को रोजाना लगभग 13 इंच पानी की सप्लाई की जाती है. इसके हिसाब से अभी सिर्फ लगभग 15 दिनों का ही पानी तोपचांची झील में बचा है. इसके बाद पानी सप्लाई को रोक दिया जाएगा. तब कतरास कोयलांचल के लोगों के सामने गंभीर समस्या उत्पन्न हो जाएगी, क्योंकि फिलहाल कतरास कोयलांचल को पानी वाला एकमात्र तोपचांची झील ही है जो कि कतरास कोयलांचल के हजारों-लाखों लोगों की प्यास बुझाता है.
इस भीषण तपती गर्मी में तोपचांची झील लगभग सूख चुकी है. जानकारों की मानें तो तोपचांची झील के बीचोबीच झील की गहराई काफी ज्यादा है. मगर इस गहराई में लगभग 30 फीट से ज्यादा गाद (कीचड़) भरा हुआ है. इसके उपर पानी का जमावड़ा होता है. माडा प्रबंधन अगर इस गाद की सफाई करवा देती तो भविष्य में शायद ही कभी झील में पानी कम होता और कतरास कोयलांचल के लोगों को पानी की समस्या से कभी भी जूझना नहीं पड़ता. मगर माडा प्रबंधन इस ओर ध्यान नहीं देकर झील की चारों किनारो की मिट्टी कटाई का काम कर रही है. मगर झील के सेंटर प्वाइंट में जमे गाद की सफाई पर कोई ध्यान नहीं है.
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