झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के नेता क्यों नही बताते आदिवासियों के लिए उन्होंने क्या किया : रघुवर दास

पूर्वी सिंहभूम: घोड़ाबांधा आदिवासी मूलवासी के नाम पर राजनीति करने वाले झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता क्यों नहीं बताते कि उन्होंने आदिवासियों के लिए क्या किया। हेमंत सोरेन ने अर्जुन मुंडा की सरकार को सिर्फ इसलिए गिरा दिया ताकि अर्जुन मुंडा स्थानीय नीति परिभाषित ना करें। हेमंत सोरेन खुद मुख्यमंत्री बने और कहा कि 3 महीने के अंदर स्थानीय नीति परिभाषित करेंगे।

लेकिन उन्होंने स्थानीय नीति तो परिभाषित नहीं किया बल्कि झारखंड के बालू को मुंबई की कंपनी को बेचने का काम किया। इतना ही नहीं हेमंत सोरेन की सरकार ने 9 जनजातीय भाषा में कर्मचारी चयन आयोग एवं झारखंड लोक सेवा आयोग की परीक्षा में भाग ले रहे युवाओं को उक्त परीक्षा से जनजातिय भाषा को हटा कर वंचित कर दिया। झारखंड मुक्ति मोर्चा से आदरणीय गुरु जी एवं उनके सुपुत्र मुख्यमंत्री बने लेकिन झारखंड आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाने वाले जेल में अपनी जवानी और जीवन बिताने वालों को इन्होंने सम्मान नहीं दिया।

ऐसे लोग बात करते हैं आदिवासी मूलवासी की। झारखंड मुक्ति मोर्चा ने तो आदिवासी संस्कृति के संवर्धन और संरक्षण की भी परवाह नहीं की। ये बाहरी भीतरी जा भी खेल खेलते हैं। अब यह कह रहे हैं। हमें गैर आदिवासी का वोट नहीं चाहिए। यह बातें किसी राजनीतिक दल को शोभा नहीं देती। भारतीय जनता पार्टी झारखंड की सवा तीन करोड़ जनता को साथ लेकर चलने की पक्षधर है। सबका साथ सबका विकास हमारा प्रारंभ से मूल मंत्र रहा है। ये बातें रघुवर दास ने पूर्वी सिंहभूम के घोड़ाबांधा में आयोजित जनसभा में कही।

पुल का होगा निर्माण, चाकुलिया में बने बांस के उत्पाद यूरोप जाएगा

रघुवर दास ने कहा कि गोरबंदा में पुल निर्माण का डीपीआर तैयार हो चुका है। सरकार गठन के साथ ही कार्य का शिलान्यास किया जाएगा। चाकुलिया में बॉस का अधिक उत्पादन होता है। बांस से बने उत्पाद को तैयार करने के लिए यहां के लोगों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। ताकि बांस के बेहतर उत्पाद तैयार हो सकें। इन उत्पादों को यूरोप भेजने का काम होगा। संथाल परगना में इसकी शुरुआत हो चुकी है। वहां की महिलाओं को प्रशिक्षण मिल चुका है। वे उत्पाद तैयार कर यूरोप भी भेजने का काम कर रही हैं।

स्थानीय नीति परिभाषित की, संथाल भाषा के संरक्षण की दिशा में कार्य हुआ

रघुवर दास ने कहा कि 2014 के बाद सरकार बनते ही सबसे पहले शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक हुई, जिसमें शिक्षकों की भारी कमी नजर आई। जब इसकी वजह को मैंने जाना तो स्थानीय नीति परिभाषित नहीं होने से नियुक्ति प्रक्रिया बाधित होने की बात कही गई। इसके बाद स्थानीय नीति परिभाषित हुई और 31 हजार शिक्षकों की नियुक्ति हुई ताकि यहां के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके। उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र की युवाओं को सहायक पुलिस में नियुक्ति की गई। पिछले 5 वर्षों में रिक्त पदों को भी भरने का काम किया है। इन पदों पर 95 प्रतिशत झारखंड के स्थानीय लोगों को ही नौकरी दी गई है। झारखंड में संथाल मुख्यमंत्री हुए लेकिन संथाली भाषा और संस्कृति के संरक्षण की दिशा में कोई कार्य नहीं किया। वर्तमान सरकार ने संथाल भाषा ओल चिकी के संरक्षण के लिए संथाल बच्चों को 1 से 5 क्लास तक की शिक्षा ओलचिकी में दे रही है।

बच्चियों व महिलाओं का हो रहा है सशक्तिकरण

रघुवर दास ने कहा कि राज्य में बेटियों के सशक्तिकरण के लिए भाजपा सरकार ने लक्ष्मी लाडली योजना और मुख्यमंत्री सुकन्या योजना को व्यापक रूप से लागू किया। ताकि हमारी बच्चियों को आगे बढ़ने के लिए एक अच्छा प्लेटफार्म मिल सके। हमारी सरकार ने स्कूलों में मध्यान भोजन को हाइजेनिक बनाने के लिए रेडी टू ईट कार्यक्रम के तहत सखी मंडल द्वारा बनाए गए रेडी टू ईट को स्कूल के बच्चों को देने का निर्णय लिया। जिससे राज्य की महिलाओं को रोजगार भी प्राप्त हुआ और स्कूल के बच्चों को शुद्ध भोजन भी मिल रहा है। हमारी सरकार ने पिछले 5 वर्षों में महिलाओं का विकास पर विशेष फोकस रहा भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने राज्य में 50 लाख तक की संपत्ति का रजिस्ट्री महिलाओं के नाम पर मात्र 1 रुपये में करने का निर्णय लिया और अब तक इसका लाभ राज्य की 1 लाख 83 हजार महिलाओं ने लिया है। हमारी सरकार ने महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए स्वयं सहायता समूह को प्रमोट किया। आज राज्य भर में लगभग 2 लाख 17 हजार सखी मंडल का गठन हो चुका है। सखी मंडल के तहत महिलाएं छोटे-छोटे रोजगार से जुड़कर आय का एक स्रोत तैयार कर रही हैं।

किसान कल्याण का हुआ काम

रघुवर दास ने कहा कि पिछले 5 वर्षों में बीजेपी की सरकार ने किसानों के विकास के लिए केंद्र एवं राज्य में पीएम किसान सम्मान योजना एवं मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना का लाभ दिया गया, जिससे झारखंड के किसानों को खाद बीज एवं कीटनाशक दवाइयां लेने में मदद मिली। सरकार ने किसानों के समर्थन मूल्य को भी बढ़ाने का काम किया। मछली पालन के क्षेत्र में भी राज्य आत्मनिर्भर हो चुका है। मछली उत्पादन से जुड़े किसानों को सरकार ने सब्सिदी भी उपलब्ध कराया है। जिससे रोजगार का सृजन भी बड़ी मात्रा में उपलब्ध हुआ है।

बच्चों को मिल रहा है गुणवत्तापूर्ण शिक्षा

रघुवर दास ने कहा कि पिछले 5 वर्षों में सरकार ने गरीब बच्चों के गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए काफी काम किया। बच्चों के लिए कोचिंग की व्यवस्था को प्राथमिकता के तौर पर रखा। हमारा प्रयास था कि राज्य में शिशु मृत्यु दर पर कमी आई। पिछले 5 वर्षों में शिशु मृत्यु दर में राज में काफी कमी आई है। झारखंड अलग राज्य बनने के बाद अब तक मात्र 3 मेडिकल कॉलेज हुआ करते थे। हमारी सरकार में आने के बाद 3 नए मेडिकल कॉलेज खोले गए।

जनता भरोसा जताए और पुनः भाजपा की सरकार बनाएं

रघुवर दास ने कहा कि राज्य गठन के बाद वर्ष 2014 तक झारखंड में एक कमजोर सरकार थी। 2014 में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में सरकार के गठन के बाद प्रत्येक सेक्टर में बहुत ही सकारात्मक कार्य हुए हैं। जिसका रिजल्ट भी देखने को मिल रहा है। रघुवर दास ने राज्य की जनता से आह्वान किया कि फिर पुनः राज्य की जनता बीजेपी की सरकार पर भरोसा जताये और सरकार बनाने का मौका दें। बीजेपी की सरकार ही राज्य को मजबूत बना सकती है।

जाति सम्प्रदाय से उपर उठकर विकास को प्राथमिकता

रघुवर दास ने कहा कि हमारी सरकार के विकास मॉडल में जाति धर्म संप्रदाय से ऊपर उठकर विकास को प्राथमिकता दिया गया है। सभी समुदाय सभी जाति धर्म के लोगों के बीच विकास की किरण पहुंची है।

भ्रष्टाचार के धब्बे को मिटाया

रघुवर दास ने कहा कि पहले झारखण्ड भ्रष्टाचार और घोटाले के नाम पर जाना जाता था। हमने उस धब्बे को मिटाया। अब झारखंड विकास के नाम से जाना जा रहा है। पिछले 5 वर्षों में हमारी सरकार बेदाग सरकार के रूप में काम किया है।

रोजगार और सिर्फ रोजगार देने का काम होगा

रघुवर दास ने कहा कि युवा शक्ति राज्य की सबसे बड़ी पूंजी है। इस युवा शक्ति को मजबूत कर हमें मजबूत राष्ट्र की बराबरी करनी है। राज्य में अभी भी बेरोजगारी एक चुनौती है। जो हम आने वाले समय में शत प्रतिशत इस चुनौती से निकलकर रोजगार और सिर्फ रोजगार देने का काम करेंगे।

शहीदों को मिल रहा है सम्मान

रघुवर दास ने कहा कि झारखंड वीरों की भूमि रही है। देश की आजादी से लेकर अलग राज्य तक कई वीरों ने अपना योगदान दिया है। इसीलिए बिरसा मुंडा जेल परिसर को शहीद स्मारक के रूप में विकसित किया जा रहा है।

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