चतरा : झारखंड के चतरा जिले के टंडवा थाना क्षेत्र के लरंगा में प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादियों ने कोयला ट्रांसपोर्टिंग में लगी जय मां अम्बे कंपनी की पांच हाइवा गाड़ी को आग के हवाले कर दिया है। घटना सोमवार देर रात की है। घटना की जानकारी मिलने पर मौके पर पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच पड़ताल कर रही है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार टंडवा थाना क्षेत्र स्थित लरंगा के पास सोमवार की देर रात 25 से 30 की संख्या में आए हथियार बंद माओवादियों ने घटना को अंजाम दिया है। माओवादियों ने कोयला ट्रांसपोर्टिंग में लगी हाइवा को रोककर उसके ड्राइवर को भगा दिया। इसके बाद माओवादियों ने हाइवा की टंकी में गोली मारकर तेल निकाला और तेल छिड़ककर पांचों हाइवा को आग के हवाले कर दिया। इस दौरान माओवादियों ने एक हाइवा को बीच सड़क पर पलट दिया। जलाए गए पांचों हाईवा वाहन आम्रपाली कोल परियोजना से कोयला लेकर पिपरवार सीएचपी साइडिंग जा रहा था। चतरा एसपी ऋषभ कुमार झा ने बताया कि पूरे मामले की जांच की जा रही है। इलाके में सर्च अभियान चलाया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि भाकपा माओवादियों ने ऑपरेशन प्रहार के खिलाफ 26 अप्रैल को संपूर्ण भारत बंद के दौरान चाईबासा में रविवार की देर रात करीब ढ़ाई बजे हावड़ा-मुंबई मेन रेल मार्ग के लोटापहाड़ सोनुवा के बीच विस्फोट कर रेलवे ट्रैक को उड़ा दिया था। माओवादियों के द्वारा किए विस्फोट से करीब एक मीटर लंबे रेलवे ट्रैक क्षतिग्रस्त हो गयी था।
वहीं माओवादियों ने गोइलकेरा थाना क्षेत्र में दूसरी घटना को अंजाम दिया था। जहां एक पुलिया को बम विस्फोट कर उड़ा दिया था। यह घटना गोइलकेरा थाना क्षेत्र के रेगाडबेरा गांव में देर रात को ही अंजाम दिया था।
मालूम हो कि भाकपा माओवादियों के खिलाफ चल रहे पुलिसिया अभियान के विरोध में संगठन ने भारत बंद का ऐलान किया था। भाकपा माओवादी के केंद्रीय कमेटी के प्रवक्ता अभय ने प्रेस रिलीज जारी कर 26 अप्रैल को भारत बंद को सफल बनाने की अपील की थी। माओवादियों ने लिखा था कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के विजय कुमार के नेतृत्व में पांच राज्यों के पुलिस अधिकारियों की अक्टूबर 2020 में बैठक हुई थी, जिसमें 2021 के जून तक निर्णायक अभियान चलाने का निर्णय हुआ था। नक्सल आंदोलन को कुचलने के लिए हजारों की संख्या में सुरक्षा बलों को भेजा जा रहा है। छत्तीसगढ़ के दंडकारण्य में ड्रोन और हेलीकॉप्टर से साजो समान पहुंचाया जा रहा है। इसके विरोध में 26 अप्रैल को भारत बंद बुलाया गया था।
भाकपा माओवादियों के सेंट्रल कमेटी के प्रवक्ता अभय ने लिखा था कि एक अप्रैल से लेकर 25 अप्रैल तक क्रांतिकारी प्रचार के साथ-साथ आंदोलन को जारी रखने का काम किया जाएगा।
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