रांची। झारखंड में इस वर्ष जनवरी से अबतक 26 से अधिक नक्सली मुठभेड़ हुए हैं, जिनमें 18 नक्सली मारे गए है। पुलिस मुख्यालय सूत्रों के अनुसार 67 से अधिक नक्सलियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है । वहीं चार नक्सलियों ने पुलिस के समक्ष सरेंडर किया है। 2010 के पूर्व नक्सली हमला करते थे तो पुलिस सुरक्षात्मक रहती थी लेकिन अब पुलिस आक्रामक दिख रही है। झारखंड और छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के कोर ग्रुप तक पहुंचने में मिली कामयाबी के बाद सुरक्षा बलों के हौसले बुलंद हैं। 2018 में करीब 107 नक्सलियों को सुरक्षा बल के जवानों ने मार गिराया था। 1200 से अधिक नक्सली गिरफ्तार हुए। 360 नक्सलियों ने हथियार डाल दिया था। नक्सली हिंसा में 30 से 40 फीसदी तक कमी आई है। झारखंड में अब प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी टीपीसी और पीएलएफआई कमजोर पड़ गए हैं। पहले से नक्सली वारदातों में भी कमी आई है। नक्सली प्रभाव वाले कई ठिकानों को सुरक्षा बलों ने ध्वस्त कर दिया है। पिछले कुछ वर्षों में पुलिस और लगातार चलाए गए अभियान की वजह से ऐसा संभव हुआ है। पुलिस के अनुसार राज्य में अब मात्र 550 माओवादी बचे हुए हैं। 250 पर इनाम घोषित है। 30 पर इनाम घोषित करने की प्रक्रिया चल रही है। बचे 550 माओवादियों के सफाये के लिए भारी संख्या में सुरक्षा बलों को लगाया गया है। सीआरपीएफ की 122, आरआरबी की पांच और झारखंड जगुआर की 40 कंपनियों को नक्सली अभियान में लगाया गया है।
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