तेहरान। ईरान ने शुक्रवार को कहा कि उसने साल 2015 में महाशक्तियों के साथ हुए समझौता के प्रति अपनी प्रतिबद्धताएं कम दी हैं, क्योंकि अमेरिका देश पर फिर से प्रतिबंध लगा दिया है। यह जानकारी मीडिया रिपोर्ट से मिली। विदित हो कि ईरान ने बुधवार को कहा था कि वह सेंट्रीफ्यूज का विकास करेगा जिससे यूरेनियम संवर्धन की गति तेज होगी। हालांकि तेहरान परमाणु हथियार बनाने की मंशा नहीं होने की बात करता है, लेकिन संवर्धित यूरेनियम से परमाणु बम बनाया जा जा सकता है। ईरानी समाचार एजेंसी इसना के मुताबिक, विदेश मंत्री जवाद जरीफ ने यूरोपीय संघ के नीति प्रमुख को पत्र लिख कर कहा है कि तेहरान ने परमाणु अनुसंधान एवं विकास पर लगाए गए सभी प्रतिबंधों को हटा लिया है। उल्लेखनीय है कि परमाणु समझौता के तहत ईरान को सेंट्रिफ्यूज उन्नयन के लिए सीमित अनुसंधान की स्वीकृति दी गई थी। सेंट्रीफ्यूज से फिसाइल सामग्री का उत्पादन तेज गति से होता है और इसका उपयोग परमाणु बम के निर्माण में होता है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले साल इस समझौते से अमेरिका को अलग कर लिया और ईरान पर फिर से प्रतिबंध लगा दिया जिससे ईरान के तेल की बिक्री 80 प्रतिशत कम हो गई है। ईरान ने समझौता को लेकर अपनी प्रतिबद्धताओं को पहले से कम कर रहा है। हालांकि यूरोपीय देश ईरानी अर्थव्यवस्था को अमेरिकी कहर से बचाने का काफी प्रयास किया है। फ्रांस और ब्रिटेन ने तो समझौता से अलग होने से बचने के लिए आगाह भी किया है। ईरान के सरकारी टीवी चैनल के मुताबिक, ईरानी परमाणु उर्जा के संगठन के अध्यक्ष शनिवार को खुलासा करेंगे कि राष्ट्रपति हसन रूहानी ने समझौता को लेकर प्रतिबद्धताओं को घटाने के लए क्या कदम उठाया है।
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