कोलकाता। स्कूली बच्चों को यौन उत्पीड़न से बचाने के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए पश्चिम बंगाल सरकार पाठ्यक्रम में “गुड टच, बैड टच” (अच्छा स्पर्श, अश्लील स्पर्श) के बारे में पढ़ाने जा रही है। राज्य शिक्षा विभाग की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक मूल रूप से बच्चियों को इसके लिए जागरूक किया जाएगा। इसे जब बच्चे समझ सकें तो किसी के छूने पर वे लोगों के मनोंभावों को समझने में सक्षम होंगे और यौन उत्पीड़न से बचेंगे।
शिक्षा विभाग की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) और एनजीओ चाइल्ड रिलीफ एंड यू (क्राई) भी अभियान का हिस्सा होंगे। शुरुआत के लिए, यह अभियान छह जिलों-कोलकाता, उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना, हावड़ा, पश्चिम मेदिनीपुर और मालदा में फैले 300 स्कूलों में चार से 12 साल के बच्चों के लिए लागू की जाएगी। अन्य स्कूलों को भी चरणबद्ध तरीके से कवर किया जाएगा। शिक्षकों, स्कूल स्टाफ और अभिभावकों को भी इस अभियान से जुड़े पहलुओं के बारे में जागरूक किया जाएगा।
पाठ्यक्रम के हिस्से के तौर पर बच्चों को उनके शरीर के बारे में बताया जाएगा। इसके लिए एक कृत्रिम शरीर तैयार होगा जिस पर शिक्षक शिक्षिकाएं छात्र-छात्राओं को उनके शरीर की संवेदनशीलता के बारे में बताएंगे। बच्चों को बताया जाएगा कि शरीर के कुछ ऐसा अंग है जो माता-पिता की उपस्थिति में केवल चिकित्सक छू सकते हैं। छूने का भी तरीका कैसा होना चाहिए, यह भी बताया जाएगा।
जरूरत पड़ने पर मदद के लिए चिल्लाना और बिना संकोच खुद को बचाने के उपायों के बारे में उन्हें जागरूक किया जाएगा। अभिभावकों और शिक्षकों को यह बताया जाएगा कि वह कैसे कहानी के माध्यम से अपने बच्चों के साथ संवाद कर सकें। कहानियों के जरिए होने वाले संवाद से यह जानने की कोशिश करें कि क्या उन्हें अनुचित तरीके से छुआ गया है, या किसी अन्य तरीके से परेशान किया गया है या उनके साथ मारपीट की गई है।
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