पूर्वी हिन्द महासागर के अभ्यास में पहली बार शामिल हुए वायुसेना के लड़ाकू विमान
– भारत और मेडागास्कर की नौसेनाओं ने पश्चिमी हिन्द महासागर में बढ़ाई चहलकदमी
नई दिल्ली : भारतीय नौसेना के जहाजों और वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने पहली बार पूर्वी हिन्द महासागर में अमेरिकी नौसेना के साथ एक पैशन एक्सरसाइज (पासेक्स) में भाग लिया। इसका मकसद मालाबार-2020 के दौरान हासिल किए गए तालमेल को और बढ़ाना था। इससे पहले भारत और मेडागास्कर की नौसेनाओं ने संयुक्त रूप से गश्त करके पश्चिमी हिन्द महासागर में अपनी चहलकदमी बढ़ाई है।
इस पैशन एक्सरसाइज (पासेक्स) में भारतीय नौसेना के स्टील्थ फ्रिगेट आईएनएस शिवालिक, पी-8 आई विमान और वायुसेना के विमानों ने अमेरिकी थियोडस रोजवेल्ट कैरियर स्ट्राइक ग्रुप के साथ पूर्वी हिन्द महासागर क्षेत्र में भाग लिया। इस अभ्यास में पहली बार नौसेना के साथ संयुक्तता बढ़ाते हुए भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों को भी शामिल किया गया जो अमेरिकी नौसेना के साथ एयर इंटरसेप्शन और एयर डिफेंस का अभ्यास करने का अवसर था। पिछले साल क्वाड देशों के साथ हुए मालाबार-2020 अभ्यास में लाइव हथियार फायरिंग, सतह, वायु-रोधी और पनडुब्बी रोधी युद्धाभ्यास, संयुक्त युद्धाभ्यास और सामरिक प्रक्रियाओं को देखा गया था। इस पासेक्स का मकसद मालाबार-2020 के दौरान हासिल किए गए तालमेल को अमेरिकी नौसेना के साथ और बढ़ाना था।
इससे पहले भारत और मेडागास्कर की नौसेनाओं ने पश्चिमी हिन्द महासागर में अपनी चहलकदमी बढ़ाई है। नौसेना के जहाज आईएनएस शार्दुल और मालागासी नेवल शिप ट्रूजोना ने मेडागास्कर के एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक जोन में संयुक्त रूप से गश्त करके पासेक्स में भाग लिया। यह आउटरीच भारत-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता स्थापित करने के भारत के प्रयासों का हिस्सा है क्योंकि चीन पश्चिमी हिन्द महासागर में अपनी मौजूदगी को बढ़ाने के लिए नजर गड़ाए हुए है। अधिकारियों ने कहा कि भारत और मेडागास्कर की नौसेनाओं के बीच पहली संयुक्त गश्त हिन्द महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दो पड़ोसियों के बीच बढ़ते रक्षा संबंधों को दर्शाती है।
भारतीय नौसेना का जहाज शार्दुल कैप्टन आफताब अहमद खान की अगुवाई में ट्रेनिंग स्क्वाड्रन की ओवरसीज तैनाती के लिए 21 मार्च को अंटशिरान, मेडागास्कर के बंदरगाह पर आया था। यह संयुक्त अभ्यास दोनों राष्ट्रों की समुद्री ताकतों के बीच बढ़ते संबंधों का प्रमाण है तथा इसका उद्देश्य भारत और मेडागास्कर द्वारा समुद्री सुरक्षा सुनिश्चित करने एवं दोनों नौसेनाओं के बीच अंतरसंचालनीयता के साझा उद्देश्यों के तौर पर है। अधिकारियों ने बताया कि भारत मेडागास्कर के साथ अपनी साझेदारी को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है, जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के एसएजीएआर (सुरक्षा और क्षेत्र में सभी के लिए विकास) के दृष्टिकोण के साथ संरेखित करता है।
This post has already been read 4163 times!