नई दिल्ली। नीति आयोग के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार ने देश की मौजूदा हालात को लेकर बड़ा बयान दिया है। राजीव कुमार ने शुक्रवार को कहा कि आज वित्तीय प्रणाली जोखिम के दौर से गुजर रही है, जो पिछले 70 सालों में ऐसी स्थिति से सामना नहीं हुआ। राजीव कुमार के अनुसार नोटबंदी और जीएसटी के बाद नकदी का संकट देश में बढ़ा है। वाइस चेयरमैन कुमार ने कहा कि प्राइवेट सेक्टर में कोई भी कर्ज देने को राजी नहीं है। उन्होंने नोटबंदी और जीएसटी के बाद बढ़े नकदी संकट से निपटने के लिए सरकार को लीक से हटकर कदम उठाने की सलाह भी दी। उन्होंने कहा कि मौजूदा मंदी के हालात अभूतपूर्व हैं, जिसकी वजह से आज कोई भी किसी पर विश्वास नहीं कर रहा, यह सिर्फ सरकार और निजी क्षेत्र की बात नहीं है।नोटबंदी, जीएसटी और दिवालिया कानून के बाद स्थिति बदल गई है। पहले करीब 35 फीसद नकदी उपलब्ध होती थी, जो अब बहुत कम हो गई है। इस कारण अब हालात काफी जटिल बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि साल 2009 से 2014 के दौरान बिना सोच-विचार के कर्ज बांटा गया, जिसकी वजह से साल 2014 के बाद एनपीए में बढ़ोतरी हुई। राजीव कुमार ने कहा कि एनपीए बढ़ने की वजह से अब बैंकों की नए कर्ज देने की क्षमता घट गई है। उन्होंने बताया कि बैंकों के कम कर्ज देने की भरपाई एनबीएफसी ने की है। एनबीएफसी के कर्ज में 25 फीसद की बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए बजट में भी कुछ कदमों की घोषणा की गई है।
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