नई दिल्ली । केंद्र सरकार ने देश की तीनों सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल तथा सरकार और सैन्य बलों के बीच कारगर संवाद सुनिश्चित करने के लिए रक्षा मंत्रालय में एक नया पद ‘चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ’ (सीडीएस) सृजित करने का फैसला किया है। नया सैन्य अधिकारी चार स्टार वाला जनरल होगा। वह तीनों सेनाओं और निर्वाचित सरकार के बीच संवाद-संपर्क का प्रमुख माध्यम होगा।
प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की रक्षा मामलों की समिति की मंगलवार को संपन्न बैठक में यह फैसला किया गया। एक अन्य फैसले के अनुसार रक्षा मंत्रालय में एक ‘रक्षा मामलों का विभाग’ बनाया जाएगा तथा तीनों सेनाएं इसी के अंतर्गत होंगी। इस विभाग में सैन्य और गैर सैन्य अधिकारी होंगे तथा सीडीएस इस विभाग का प्रमुख होगा। सीडीएस के पास सचिव जैसी शक्तियां होंगी।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय समिति ने नवगठित रक्षा मामलों सम्बन्धी विभाग और सीडीएस पद के अधिकार और कार्यक्षेत्र के बारे में अपनी रिपोर्ट दी थी। मंत्रिमंडल ने अपनी मंजूरी दे दी।
सीडीएस रक्षा मंत्रालय में रक्षा मामलों के नव सृजित विभाग का मुखिया होने के साथ ही रक्षा मंत्री का प्रमुख सैन्य सलाहकार होगा। यह नया सैन्य अधिकारी चार स्टार वाला जनरल होगा। वर्तमान में तीनों सेनाओं थल सेना, वायु सेना और नौ सेना के प्रमुख चार स्टार वाले अधिकारी हैं।
नव नियुक्त सीडीएस तीनों सेनाओं के प्रमुखों को शामिल कर बनायी जाने वाली मौजूदा ‘चीफ ऑफ़ स्टाफ कमेटी’ का स्थायी अध्यक्ष भी होगा। इस समय इस कमेटी का प्रमुख तीनों सेनाओं का सबसे वरिष्ठ प्रमुख होता है।
सीडीएस तीनों सेनाओं और सेना प्रमुखों को आदेश देने वाला अधिकारी नहीं होगा। वह रक्षा मामले के विभाग के प्रमुख और रक्षामंत्री के प्रमुख सलाहकार के रूप में रक्षा कमानों के पुनर्गठन तथा संयुक्त सैन्य सचांलन को सुनिश्चित करेगा। तीनों सेनाओं के प्रमुख अपने अपने क्षेत्र में रक्षामंत्री को पूर्ववत सलाह देते रहेंगे।
वर्ष 1999 में कारगिल युद्ध के बाद रक्षा विशेषज्ञ के सुब्रह्मण्यम की अध्यक्षता में गठित ‘कारगिल समीक्षा समिति’ ने चीफ ऑफ़ डिफेन्स स्टाफ एलपीडी के सृजन का सुझाव दिया था। कारगिल युद्ध के समय थल सेना और वायुसेना के बीच तालमेल की कमी नजर आयी थी। प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने इस वर्ष 15 अगस्त को लाल किले से इस पद का सृजन करने की घोषणा की थी।
रक्षा मंत्रलय के सूत्रों के अनुसार सीडीएस सेवानिवृत्त होने के बाद कोई सरकार पद ग्रहण नहीं कर सकेगा। साथ ही सेवा निवृत्त होने के पांच साल तक वह बिना सरकारी अनुमति के किसी निजी संस्थान में भी काम नहीं कर सकेगा।
This post has already been read 7334 times!