भारत ने जर्मनी से मंगाए 23 मोबाइल ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट

नई दिल्ली : ऑक्सीजन के लिए पूरे देश में ​मचे हाहाकार के बीच भारतीय वायुसेना ने ऑक्सीजन के कंटेनरों को ‘एयरलिफ्ट’ करना शुरू कर दिया है। 23 मोबाइल ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्रों को जर्मनी से एयरलिफ्ट किया जा रहा है। यह दिल्ली के उन अस्पतालों में अस्पताल में तैनात किए जाएंगे जहां ऑक्सीजन की कमी से मरीजों की जान खतरे में है। जरूरतमंदों को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन मिलने से उन्हें जिन्दगी और मौत से संघर्ष नहीं करने पड़ेगा।
सेना के प्रवक्ता कर्नल अमन आनंद ने कहा कि भारतीय सेना ने दिल्ली कैंट के बेस अस्पताल में कोविड-19 मरीजों के लिए अगले एक सप्ताह में 400 बेड बढ़ाए जा रहे हैं। अस्पताल में सेवारत सैन्य कर्मियों के लिए अस्पताल में अतिरिक्त 250 कोविड बेड बढ़ाये गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी को देखते हुए 23 मोबाइल ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्रों को जर्मनी से एयरलिफ्ट किया जा रहा है। इन उत्पादन संयंत्रों को दिल्ली के उन अस्पतालों में तैनात किया जायेगा जहां बड़ी संख्या में कोविड के मरीज भर्ती हैं और ऑक्सीजन की कमी से उनकी सांसें अटकी हैं। यह मोबाइल संयंत्र अस्पतालों में ही ऑक्सीजन का उत्पादन करेंगे जिससे ऑक्सीजन की किल्लत दूर हो सकेगी।एनएफ
भारतीय वायु सेना ने भी अब कोविड-19 महामारी का मुकाबला करने में सरकार की सहायता के लिए ऑक्सीजन कंटेनर, सिलेंडर, आवश्यक दवा, उपकरण और चिकित्सा कर्मियों को एयरलिफ्ट करना शुरू कर दिया है। बड़ी संख्या में ​ऑक्सीजन की खरीद शुरू की गई, इसलिए वायुसेना ने खाली कंटेनरों का संचालन शुरू कर दिया है। वायुसेना के दो परिवहन विमानों सी-17 ने दो खाली ​​ऑक्सीजन कंटेनरों को एयरलिफ्ट करके संयंत्र तक पहुंचाया है। इसके अलावा आईएल-76 विमान से पानागढ़ एयरबेस एक खाली कंटेनर को एयरलिफ्ट किया है ताकि वहां से लाकर देश में ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाई जा सके। पश्चिम बंगाल राज्य में यह एयरबेस पूर्वी वायु कमान के तहत वायु सेना का आधार है।
​कोविड-19 महामारी की प्रचंड दूसरी लहर के बीच देश के सामने आने वाले ऑक्सीजन संकट को दूर करने के लिए ​भारत ​​विदेशी​ मित्र देशों से ऑक्सीजन कंटेनर और उपकरण आयात करने पर विचार-विमर्श कर रहा है। केंद्र सरकार भारतीय वायु सेना को अन्य देशों के ऑक्सीजन कंटेनरों और उपकरणों को एयरलिफ्ट करने के लिए भी योजना बना रही है।​ यह कंटेनर और अन्य उपकरण कहां से लाए जा सकते हैं, इसकी पहचान कर ली गई ​​है। ​दूसरी तरफ वायुसेना ने सरकार को महामारी से लड़ने में मदद करने के लिए कर्मियों, डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ की भर्ती शुरू की है। दिल्ली में डीआरडीओ का कोविड अस्पताल स्थापित करने के लिए कोच्चि, मुंबई, विजाग और बेंगलुरु के डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ को वायुसेना ने एयरलिफ्ट करके पहुंचाया है। वायुसेना ने दिल्ली के कोविड केंद्रों के लिए बेंगलुरु में डीआरडीओ से ऑक्सीजन कंटेनरों को भी लिया है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दो दिन पहले नई दिल्ली में देश भर में कोविड-19 केस में हुई बढ़ोतरी से निपटने के लिए रक्षा मंत्रालय और सशस्त्र बलों की तैयारियों की समीक्षा के लिए एक वर्चुअल बैठक की थी। कोरोना की दूसरी लहर में बिगड़ती अस्पतालों की स्थिति को देखते हुए सरकार अब आम जनता के लिए देश भर के सैन्य अस्पताल खोलने जा रही है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इस बावत मंगलवार को सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे से बात भी की है। देश भर में ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए भी रक्षा संस्थान आगे आये हैं। इसके लिए स्वदेशी लड़ाकू विमान एलसीए तेजस में ऑक्सीजन पैदा करने वाली तकनीक प्राइवेट इंडस्ट्री को सौंप दी गई है। इस तकनीक से एक मिनट में 1000 लीटर ऑक्सीजन का उत्पादन किया जा सकता है।

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