कैंसर के प्रभावी निदान के लिए भारत और यूके साथ कर रहे हैं काम: हर्षवर्धन

नई दिल्ली : केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा कि कैंसर पूरी दुनिया के लिए चुनौती बनी हुई है। इस बीमारी को हराने के लिए वैश्विक स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। मंत्री ने लोकसभा में शुक्रवार को एक सवाल का लिखित जवाब देते हुए बताया कि भारत और यूके साथ मिलकर कैंसर पर काम कर रहे हैं। अभी तक इस कार्य के लिए भारत सरकार ने 1.86 करोड़ रुपये का निवेश किया है।

मंत्री ने कहा कि कैंसर का किफायती इलाज हो सके इसी उद्देश्य से बायोटेक्नोलॉजी विभाग ( डीबीटी) और कैंसर अनुसंधान यूके (सीआरयूके) ने नई दिल्ली में बीते वर्ष 14 नवम्बर, 2018 को “कैंसर के संबंध में किफायती दृष्टिकोण” एक कैंसर अनुसंधान पहल के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया था।

इस अनुसंधान पहल का व्यापक उद्देश्य उच्च गुणवत्ता वाले अनुसंधान को सहयोग देना है जिससे नई तकनीक और परिवर्तनकारी परिणाम मिल सके, जो दोनों देशों के बीच कैंसर के क्षेत्र में होने वाली गतिविधियों में तेजी ला सके और जिसमें वैश्विक स्तर पर प्रभाव डालने की पर्याप्त सामर्थ्य हो।

मंत्री ने कहा कि दोनों देश के शोधकर्ता कैंसर के शीघ्र निदान में सुधार, कैंसर का शीघ्र पता लगाने में सुधार के लिए किफायती जांच उपकरणों, रोग में क्षेत्रीय भिन्नता की बेहतर समझ के लिए जोखिम के कारण, कैंसर की रोकथाम के लिए नए दृष्टिकोणों को समर्थन करने, कैंसर देखभाल पर खर्च होने वाली राशि को कम करने वाले अभिकलनात्मक दृष्टिकोणों, प्रभावी कैंसर उपचारों के सामर्थ्य, कैंसर का शीघ्र पता लगाने में सुधार के लिए किफायती जांच उपकरण, और प्रभावी कैंसर उपचारों के सामर्थ्य के लिए किफायती पद्धतियों पर कार्य कर रहे हैं।

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