दिल्ली : पिछले हफ्ते संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम और ऑक्सफोर्ड पॉवर्टी एंड ह्यूमन डेवलपमेंट इनीशिएटिव ने 2019 के लिए वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक (एमपीआई) रिपोर्ट जारी की, इस रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2006 से लेकर 2016 के बीच भारत ने 27.1 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है.
भारत में भी पिछड़ा राज्य माने जाने वाले झारखंड ने अपने यहां पर सबसे तेजी से गरीबी को कम किया है. इस रिपोर्ट का आंकलन पोषण, शिक्षा, स्वच्छता, रसोई ईंधन जैसे मानकों के आधारों पर किया गया था. यूएनडीपी की इस रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत ने 10 साल में करीब 27.1 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है.
ये सर्वे 101 देशों के 1.3 अरब लोगों पर किया गया था, जिनमें भारत ने पहला स्थान हासिल किया है. भारत के साथ-साथ बांग्लादेश, कम्बोडिया, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो, इथियोपिया, हैती, नाइजीरिया, पाकिस्तान, पेरू और वियतनाम ने भी अपने यहां पर गरीबी कम करने में अच्छा काम किया है.
झारखंड में अलग अलग स्तरों पर गरीबी 2005-06 में 74.9 फीसदी से कम होकर 2015-16 में 46.5 फीसदी पर आ गई है. रिपोर्ट के मुताबिक झारखंड के बाद बिहार अपने यहां गरीबी कम करने के मामले में दूसरे स्थान पर है. देश के 19.6 करोड़ गरीब लोग चार राज्यों बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, और मध्य प्रदेश में रहते हैं. भारत का एमपीआई मूल्य 2005-06 में 0.283 था जो 2015-16 में 0.123 पर आ गया
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