इफको ने जारी किये खेती को नई दिशा देने वाले नैनो उत्पाद

नई दिल्ली। इंडियन फारमर्स फर्टिलाइजर कापरेटिव (इफको) ने फसलों की पैदावार में 15 से 30 प्रतिशत तक वृद्धि करने वाले वाले नैनो नाइट्रोजन, नैनों जिंक और नैनो कॉपर उत्पाद को क्षेत्र परीक्षण के लिए आज जारी कर दिया। उर्वरक एवं रसायन मंत्री डी.बी सदानंद गौड़ा ने आज उर्वरक क्षेत्र की दुनियां की सबसे बड़ी सहकारी संस्था इफको की मातृ इकाई गुजरात के कलोल में एक समारोह में नैनो प्रौद्योगिकी आधारित नैनो नाइट्रोजन, नैनो जिंक और नैनों कॉपर का लोकार्पण किया। उन्होंने इन उत्पादों के क्षेत्र परीक्षण करने की भी घोषणा की।

श्री गौड़ा ने कहा कि नैनो उत्पाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘ग्रीन परियोजना’ है। इसकी मदद से न केवल किसानों की आय दोगुनी करने में मदद मिलेगी बल्कि इससे मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार होगा और पर्यावरण की सुरक्षा के साथ ही ग्रीन हाउस गैसों का भी कम उत्सर्जन होगा। इन प्रयासों के लिए उन्होंने इफको की प्रशंसा करते हुये कहा कि उर्वरक के क्षेत्र में नये नये प्रयोग जारी रहना चाहिये जिससे किसानों के लागत खर्च को कम किया जा सके।

इस कार्यक्रम में देश के अलग अलग हिस्सों से आमंत्रित 34 प्रगतिशील किसानों ने भी हिस्सा लिया। इनमें कई पद्मश्री से सम्मानित किसान भी शामिल हैं। किसानों को नैनो उत्पादों की इस नई श्रृंखला से परिचित कराया गया और उनके पूरे देश में परीक्षण की जानकारी दी गयी। इन नैनो उत्पादों को इफको के कलोल इकाई के अत्याधुनिक नैनो बायोटेक्नोलॉजी रिसर्च सेंटर में देसी तकनीक से विकसित किया गया है। नैनो संरचना से तैयार किये गये ये उत्पाद पौधों को प्रभावशाली पोषण देते हैं। नैनों उत्पादों के उपयोग के कई फायदे हैं। परम्परागत रासायनिक उर्वरकों की तुलना में नैनो उत्पादों की 50 प्रतिशत कम जरुरत होती है। इसके साथ ही फसलों की 15 से 30 प्रतिशत अधिक पैदावार होती है। मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार होता है। पर्यावरण हितैषी होने के साथ साथ इसके प्रयोग से ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी आती है।

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