सैकड़ों परिवार खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर

नई दिल्ली । यमुना का जलस्तर बढ़ने के साथ ही दिल्ली सरकार की तरफ से घोषणा कर दी गई कि सभी लोग सरकार द्वारा बनाए गए टेंटों में पहुंचे। इस घोषणा के साथ यमुना किनारे रहने वाले सैकड़ों परिवार अपना सामान निकालने लगे हैं। इन्हें शाम छह बजे तक उक्त सरकारी टेंट तक पहुंचना है। हालांकि फौरी तौर पर सरकार की तरफ से व्यवस्था तो की गई है लेकिन वह नाकाफी है। दरअसल दिल्ली में बाढ़ से प्रभावितों की संख्या काफी है और सरकार की फौरी राहत सीमित लोगों को ही मिल पाएगी।इनमें कई ऐसे भी लोग हैं जिन्हें अपना घर तो छोड़ना पड़ा पर अब तक टेंट नहीं मिला। ऐसे में सैकड़ों परिवार अब भी खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर हैं। 

फुटपाथ पर रहने को मजबूर 

यमुना खादर में रहने वाले दर्जनों परिवार सरकारी राहत के इंतजार में खुले आसमान के नीचे गुजर-बसर करने को मजबूर हैं। लोग अपना सामान लेकर फुटपाथ पर हैं क्योंकि टेंट की व्यवस्था उनके घर से काफी दूर है और कुछ लोग इस लिए सड़क पर हैं क्योंकि टेंट तो पास में है लेकिन उसमें जगह नहीं है।

डर के साए में जी रहे लोग

यमुना का जलस्तर बढ़ने के बाद उसके किनारे रह रहे लोगों की परेशानियां अभी यहीं खत्म नहीं हुई। घर से सामान लेकर निकले लोगों के सामने खाने-पीने की सबसे बड़ी दिक्कत है। इसी के चलते डर के साए में घर की महिलाए यमुना किनारे झुग्गियों में ही खाना बनाने को मजबूर हैं।

इन रास्तों को कर दिया गया है बंद

यमुना पर बने लोहे का पुल अब सामान्य यातायात के लिए बंद कर दिया गया है। ऐसे में लोगों को यातायात की दिक्कत न हो इसके लिए ट्रैफिक पुलिस ने दिशानिर्देश जारी किया है। ट्रैफिक पुलिस के अनुसार मध्य जिला, दक्षिणी जिला, दक्षिण पूर्वी जिला, उत्तरी जिला एवं नई दिल्ली जिला से पूर्वी, उत्तर पूर्वी और गाजियाबाद जाने वाले लोग सलीमगढ़ बाईपास, (रिंग रोड) शांति वन से राजा राम कोहली मार्ग एवं जीटी रोड़ से होते हुए पुस्ता रोड़ के द्वारा आगे जा सकते है। वहीं उत्तरी व मध्य जिला की ओर जाने वाले लोग पुस्ता रोड से जीटी रोड, शास्त्री पार्क से होकर राम कोहली मार्ग से होते हुए आगे जा सकते हैं।
फिलहाल दिल्ली में यमुना का जलस्तर 205.98 मीटर है, इसमें शाम तक और बढ़ोतरी होने की संभावना है। ऐसे में अगर पंजाब, हरियाणा और हिमाचल में बारिश नहीं होती है तो हालात में थोड़ा सुधान हो सकता है।

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