रांची। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में स्थिर सरकार देकर जनता ने देश और प्रदेश से राजनीतिक अस्थिरता का वातावरण समाप्त किया, जिसके परिणामस्वरूप डबल इंजन की सरकार ने विकास की नई इबारत लिखी। सबका साथ सबका विकास के मंतव्य के साथ सरकार आगे बढ़ रही है। इस सरकार ने सभी को विकास की मुख्यधारा से जोड़कर झारखंडवासियों को स्वावलंबी बनाया है। उन्होंने कहा कि जहां एक ओर मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना के तहत किसानों को 11 हजार से 31 हजार तक मानदेय दिया गया, झारखंड देश का इकलौता ऐसा राज्य बना जो किसानों के फसल बीमा का प्रीमियम भी भरता है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री सुकन्या योजना एवं मुख्यमंत्री कन्यादान योजना का ही असर है कि आज राज्य में लिंगानुपात में अप्रत्याशित वृद्धि हुई।
जन्म से 18 वर्ष तक लड़कियों को 40 हजार की वित्तीय सहायता तथा बेटी की शादी के लिए 30 हजार रुपए की सहायता ने बेटियों को सुशिक्षित एवं रक्षित किया। महिलाओं के स्वावलंबन की दिशा में उठाये गए सरकार के कदम का जिक्र करते हुए कहा कि महिलाओं के लिए 1 रुपए में 50 लाख तक के जमीन/मकान की रजिस्ट्री के कारण आज राज्य में 80 प्रतिशत रजिस्ट्री महिलाओं के नाम पर हो रही है। झारखंड अकेला ऐसा राज्य बना जहां 33 लाख से अधिक महिलाओं को चूल्हा के साथ 2 रिफिल सिलेंडर मुफ्त दिये जा रहे हैं।उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत झारखंड से हुई और इस योजना से राज्य के 57 लाख गरीब परिवारों को 5 लाख का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा दिया गया। इसका लाभ अभीतक 3 लाख झारखंडवासी ले चुके हैं।
आयुष्मान भारत योजना का लाभ देने के मामले में रांची सदर अस्पताल का देश में दूसरा स्थान है।शाहदेव ने कहा कि सभी वर्गों को साथ लेकर चलना रघुवर सरकार की प्राथमिकता रही है। यही कारण है कि आज आदिवासी समाज तेजी से आगे बढ़ रहा है। न सिर्फ इस सरकार ने अनुसूचित जनजाति आयोग का गठन किया, बल्कि आदिवासियों के अगुवा जैसे मानकी, मुंडा, पाहन आदि को 1 हजार से 3 हजार तक सम्मान राशि देकर उन्हें सामाजिक सम्मान भी दिया गया। सरकार ने आदिवासी समाज के विश्व प्रसिद्ध लुगू बुरु मेले को राजकीय मेला का दर्जा देकर झारखंड की संस्कृति को विश्वपटल पर एक नई पहचान दी। यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा पास करने वाले को 1 लाख रुपए की आर्थिक सहायता तथा प्री मैट्रिक और पोस्ट मैट्रिक के तहत बच्चों को 527 करोड़ की छात्रवृत्ति प्रदान कर सरकार ने आदिवासी छात्रों को सुशिक्षित करने का काम भी किया।
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