दिल्ली के लालकिला में गीता महोत्सव का आयोजन एक दिसम्बर को

नई दिल्ली। घर-घर गीता का संदेश पहुंचाने के उद्देश्य से एक दिसम्बर को दिल्ली के लाल किला मैदान में गीता प्रेरणा महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। समरस संस्कारित गीतामय भारत के संदेश के साथ शुक्रवार को यहां कार्यक्रम के लिए भूमि पूजन किया गया। पांच साल पहले भी दिल्ली का ऐतिहासिक रामलीला मैदान गीता महोत्सव का साक्षी बना था। स्वामी ज्ञानानंद के मार्गदर्शन में जीओ गीता (ग्लोबल इंस्पिरेशन एंड एनलाइटनमेंट ऑर्गनाइजेशन ऑफ गीता) द्वारा आयोजित इस समारोह को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करेंगे। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, रमेश पोखरियाल निशंक, स्वामी अवधेशानंद आदि भी शामिल होंगे। स्वामी ज्ञानानंद ने आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि गीता का केवल आध्यात्मिक महत्व ही नहीं है बल्कि जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में अद्भुत प्रयोग का संदेश में समाहित है। गीता में 18 अध्याय हैं, इसलिए कार्यक्रम की रूपरेखा ऐसे बनाई गई है कि इसमें देश के अलग-अलग हिस्सों से 1800 युवा, 1800 ब्यूरोक्रेट, 1800 व्यापारी और 1800 डॉक्टर व वकील सहित विभिन्न समूह के लोग शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि गीता का हर अध्याय जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को प्रेरणा देता है। यह जीवन पद्धति का हिस्सा है। स्कूली शिक्षा से लेकर कामकाज तक जीवन के प्रत्येक चरण में वितरित करता है। पीछे न हटने, आगे बढ़ते रहने की प्रेरणा देता है। जिओ गीता अभियान के माध्यम से देशभर में पहले से बृहद स्तर पर कार्यक्रम चल रहे हैं। करोड़ों लोग इस अभियान से जुड़े हैं। स्वामी ज्ञानानंद ने कहा कि गीता ज्ञान का गीत है यह विश्व कल्याण का गीत बने ये हमारी कामना है। हमें हर घर में गीता को पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि भागवत गीता एक आइना है जो हमें सही-गलत का आभास कराती है। विचलित क्षणों में गीता का स्मरण करने से हर कार्य आसानी से पूरा हो जाता है। यह इसलिए संभव होता है कि इसका प्रभाव हमारी आंतरिक शक्तियों को सकारात्मक रूप से सक्रिय बनाता है। स्वामी ने कहा कि गीता मानव मूल्यों पर आधारित एक पवित्र ग्रंथ है। इसमें हर जाति, पंथ, संप्रदाय के लिए संदेश है क्योंकि इसका हर अध्याय जीवन जीने की कला बताता है, इसलिए गीता प्रेरणा महोत्सव 18 अध्याय की थीम पर आयोजित किया जा रहा है।

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