ऑक्सीजन के अभाव में एक की मौत कई गंभीर
फर्रुखाबाद : उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले में कोरोना 21वीं सदी की सबसे बड़ी आपदा के रुप मे सामने आया है। शहर से लेकर देहात तक इस कातिल की मार से हा-हा कार मचा हुआ है। कोरोना संक्रमण से मरने वालों की संख्या 100 से पार पहुंच गई है। हालात यह है रोगियों को अस्पतालों में जगह नही मिल रही है।
जिले में ऑक्सीजन का पूरी तरह टोटा हो गया है।इसके बाद भी यहां 29 अप्रैल को होने वाले पंचायत चुनाव आगामी समय मे संक्रमण के बढ़ने का संकेत दे रहे है। समाज के सजग प्रहरियों का मानना है कि पंचायत चुनाव के उम्मीदवार इस संक्रमण को एक दूसरे तक पहुंचाने में पोस्ट मैन का काम कर रहे है। जिससे स्थिति यहां भयावह होती चली जा रही है।
बताते चले कि, यहां 29 अप्रैल को होने जा रहे मतदान के लिए आज जिले भर में नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है।नामांकन जुलूस में उम्मीदवार भीड़ भाड़ के साथ नामांकन स्थल पहुंच अपना नाम निर्देशन पत्र दाखिल कर रहे है। यहां चुनाव आचार संहिता के चलते कोविड-19 के नियमों की पूरी तरह धज्जियां उड़ रही हैं। उम्मीदवार व उनके समर्थक न मास्क प्रयोग कर रहे हैं और न ही सामाजिक दूरी का पालन कर रहे हैं।
जिले के मुख्य फिजीशियन डॉक्टर केएम द्विवेदी का मानना है कि इन हालातों में उनके अस्पताल में 4-5 कोरोना से संक्रमित गम्भीर रोगी रोज आ रहे हैं जिन्हें वह कानपुर के लिए रेफर कर रहे हैं। जिले में ऑक्सीजन का पूरी तरह टोटा हो गया है। आक्सीजन के अभाव में आज पूर्व ग्राम पंचायत सचिव किशन पाल सिंह निवासी भरखा की मौत हो गई। ऑक्सीजन न मिलने पर उनके परिजन उन्हें कानपुर ले जा रहे थे। रास्ते में ही उनकी मौत हो गई।
ग्राम कमालपुर निवासी पूर्व सैनिक चन्द्रपाल सिंह की हालत चिंताजनक बनी हुई है। पूर्व कैप्टन आरपी सिंह चौहान के परिजन ऑक्सीजन के लिए भटक रहे हैं। सीएमओ डॉक्टर बन्दना सिंह का कहना है। ऑक्सीजन की हर जिले में कमी पड़ रही है। वही दूसरी तरफ ओशो रजनीश के शिष्य स्वामी आनन्द पुनीत का कहना है कि इन हालातो में प्रदेश सरकार को पंचायत चुनाव टाल देने चाहिए। पंचायत चुनाव के उम्मीदवार कोरोना संक्रमण को और बड़ा रहे हैं। प्रचार से लेकर मतदान तक संक्रमण इस कदर बढ़ सकता है कि सरकार को गांवों के हालात सुधारने में नाको चने चबाने पड़ जायेंगे। पंचायत चुनाव हर परिवार में कोरोना को पहुंचा देगा। जिससे भारी जन हानि हो सकती है।
समाजसेवी प्रदीप, राकेश सेठ, तथा चिकित्सा जगत से जुड़े गजेंद्र सिंह कुशवाहा व प्रधाचार्य गंजेन्द्र सिंह यादव का कहना है कि जन हित में सरकार को पंचायत चुनाव टाल देने चाहिए। सरकार को कोविड से लड़ने में अपनी पूरी ताकत झोंक देनी चाहिए।
This post has already been read 5266 times!