-सीएम ने आदित्यपुर से पूरे राज्य के लिए श्रमशक्ति योजना का किया शुभारंभ-देश और राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में श्रमिकों का अहम योगदान
-भवन निर्माण से जुड़े श्रमिकों के लिए 150 करोड़ का है फंड
रांची। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि मैं भी टाटा स्टील में मजदूर था, लेकिन झारखंड की जनता ने विकास और खुशहाली के लिए पूरे राज्य का मजदूर बनाकर भेजा। ऐसे में समाज की अंतिम पंक्ति के अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुंचनी चाहिए। इसी ध्येय के साथ काम कर रहा हूं। इसी सिलसिले में असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों और भवन निर्माण के क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों और उनके परिवारों का भविष्य सुरक्षित करने की खातिर सरायकेला-खरसांवा जिले के आदित्यपुर से आज श्रम शक्ति अभियान का शुभारंभ कर रहे हैं। पूरे राज्य के लिए इस अभियान को शुरू करने के लिए आज से अच्छा दिन नहीं हो सकता। आज पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती है। ये एक ऐसे महापुरुष थे, जिन्होंने साम्यवाद और पूंजीवाद फेल होने पर एकात्म मानववाद का संदेश दुनिया को दिया। वे समाज के हर तबके की समृद्धि और खुशहाली चाहते थे। पंडित दीनदयाल उपाध्याय पर आज पूरे देश को गर्व है। श्रम शक्ति अभियान के शुभारंभ के मौके पर मुख्यमंत्री ने सांकेतिक तौर पर पांच श्रमिकों को निबंधन कार्ड सौंपा। इन श्रमिकों में सरायकेला-खरसांवा जिले के बरसात उरांव, दुलाल महतो, मोताय पूर्ति, दसवां पूर्ति और मिश्री लाल महतो शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने इन सभी श्रमिकों को पगड़ी और शॉल पहनाकर सम्मानित भी किया। इस मौके पर सांसद विद्युत वरण महतो, विधायक साधु चरण महतो, आदित्यपुर नगर निगम के मेयर एवं डिप्टी मेयर, श्रम, नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, सरायकेला-खरसांवा के उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक समेत हजारों की संख्या में श्रमिक मौजूद थे।
25 सितंबर से 2 अक्टूबर तक शिविर लगाकर श्रमिकों का किया जाएगा निबंधन
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज से श्रमशक्ति अभियान शुरू हुआ है, जिसका समापन 2 अक्टूबर को गांधी जयंती पर होगा। इस दौरान असंगठित क्षेत्र के मजदूरों- सब्जी विक्रेता, रिक्शा चालक, ठेला चालक, खेतिहर मजदूर आदि के साथ-साथ भवन निर्माण के क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों का निबंधन मुफ्त में किया जा रहा है। इसके लिए सभी प्रखंडों और शहरों में जगह-जगह शिविर लगाए जाएंगे। मजदूरों का निबंधन कराने के पीछे सरकार का मकसद है कि इन्हें कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के साथ काम करने के लिए सुरक्षित वातावरण दिया जा सके।
उद्योग और रियल इस्टेट में काम करने वाले सभी मजदूर हों निबंधित
मुख्यमंत्री ने मौके पर ही श्रम, नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग के प्रधान सचिव को निर्देश दिया कि वे उपायुक्तों को यह निर्देश दे कि वे फैक्ट्रियों के संचालकों और रियल इस्टेट के कारोबारियों के साथ बैठक करें। उन्हें यह निर्देश दिया जाए कि वे सिर्फ वैसे मजदूरों को ही अपने यहां काम पर रखेंगे तो निबंधित होंगे। इतना ही नहीं, अपनी-अपनी फैक्ट्रियों, कंपनियों, प्रतिष्ठानों और दफ्तरों में शिविर लगाकर मजदूरों का निबंधन करेंगे। इसके लिए समय सीमा का भी निर्धारण किया जाए। इसके उपरांत जो उद्योग व फैक्ट्री संचालक औऱ रियल इस्टेट कारोबारी इन निर्देशों का पालन नहीं करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई करें।सामाजिक संगठन, एनजीओ, राजनीतिक दल और ट्रेड यूनियन करें सहयोग
मुख्यमंत्री ने सभी सामाजिक संगठनों, एनजीओ, राजनीतिक दलों औऱ ट्रेड यूनियनों से आग्रह किया कि वे श्रम शक्ति अभियान के तहत ज्यादा से ज्यादा मजदूरों के निबंधन कराने में सहयोग करें। उन्होंने कहा कि मजदूरों के हितों का संवर्धन न सिर्फ सरकार की जिम्मेदारी है, बल्कि समाज कार्य से जुड़े लोगों का भी दायित्व बनता है। इससे मजदूरों को उनके लिए संचालित कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलाने में काफी सहूलियत होगी।दीपावली के पहले मजदूर भाइयों को शर्ट-पैंट के कपड़े और बहनों को मिलेगा साड़ी
मुख्यमंत्री ने कहा कि दीपावली के पहले झारखण्ड भवन निर्माण बोर्ड से निबंधित मजदूर भाइयों को शर्ट-पैंट के कपड़े और बहनों को साड़ी दी जायेगी। सरकार सभी श्रमिकों का विकास चाहती है औऱ इसके लिए जो भी जरूरी कदम होंगे, उठाए जाएंगे, क्योंकि इनका राज्य औऱ देश के नव निर्माण में अहम योगदान है।भवन निर्माण के मजदूरों के लिए हैं 150 करोड़ रुपए
मुख्यमंत्री ने कहा कि भवन निर्माण से जुड़े मजदूरों के लिए सरकार के पास 150 करोड़ रुपए का फंड है। ऐसे में भवन निर्माण से जुड़े मजदूरों का ज्यादा से ज्यादा निबंधन होना चाहिए, ताकि इस फंड का इस्तेमाल उनके हित में किया जा सके। निर्माण बोर्ड से जोड़ा गया सफाइकर्मियों को
मुख्यमंत्री ने कहा राज्य में विभिन्न निकायों से जुड़े 18 हजार से ज्यादा सफाई कर्मी हैं। इन सफाई कर्मियों को भी श्रम, नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग के निर्माण बोर्ड से जोड़ दिया गया है। सरकार यह निर्णय ले चुकी है कि जो भी सफाई कर्मी तीन दिनों का प्रशिक्षण ले लेंगे, उनके मासिक वेतन में पांच सौ रुपए की वृद्धि हो जाएगी, क्योंकि वे अकुशल से कुशल श्रमिक की श्रेणी में आ जाएंगे।
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