वाशिंगटन। भारत और अमेरिका के बीच टू प्लस टू मंत्री स्तरीय वार्ता में आज बुधवार को दोनों पक्षों ने ज़ोर दिया कि पिछले एक वर्ष में द्विपक्षीय सामरिक और रक्षा सहयोग के क्षेत्र में जो प्रगति हुई है, उसे देखते हुए अब उसे अगले दौर तक ले जाए जाने की ज़रूरत है। इस वार्ता में भारत से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भाग लिया। इन नेताओं ने बाद में मीडिया को भी एक साथ संबोधित किया। राजनाथ सिंह और एस. जयशंकर इस वार्ता के लिए अमेरिकी दौरे पर हैं। इस वार्ता में हिंद – प्रशांत महासागर में क्षेत्रीय स्वतंत्रता, सुरक्षा और समृद्धि के लिए परस्पर रक्षा सहयोग पर ज़ोर दिया गया। इस संदर्भ में दोनों पक्षों की ओर से कहा गया कि दोनों देशों की सामरिक साझेदारी में लोगों के हित समाहित हैं। उन्होंने कहा कि टू प्लस टू प्रथम वार्ता के पश्चात द्विपक्षीय संबंधों में सुधार के साथ आर्थिक क्षेत्र में भी इज़ाफ़ा हुआ है। पोंपियो ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच 2018 में 142 अरब डालर का व्यापार हुआ है, जो उससे पिछले वर्ष 2017 के मुकाबले 13 प्रतिशत अधिक है। उन्होंने कहा कि ऊर्जा के क्षेत्र में भी वृद्धि हुई है और यह मौजूदा वित्त वर्ष में छह अरब डालर तक पहुंची है। ज्ञातव्य है कि टू प्लस टू मंत्री स्तरीय वार्ता के पश्चात भारत और अमेरिका के बीच सुरक्षा, ऊर्जा और प्रौद्योगिकी के आदान-प्रदान में भारी प्रगति हुई है। पोंपियो ने इस बात पर ज़ोर दिया कि प्रजातंत्र, स्वतंत्रता और क़ानून के प्रति समादर की भावना ही हम दोनों देशों की साझेदारी का एक हिस्सा है। अमेरिका और भारत के बीच इस मंत्री स्तरीय वार्ता में वैश्विक मामलों पर भी चर्चा हुई। हिंद प्रशांत महासागर में भारत सहित आस्ट्रेलिया, कोरिया, जापान और न्यूज़ीलैंड आदि देशों के सहयोग पर संतोष व्यक्त किया गया। पोंपियो ने अफ़ग़ानिस्तान पर चर्चा के दौरान भारत के योगदान की सराहना की। उन्होंने चीन पर चर्चा के दौरान दोनों देशों के परस्पर सहयोग की ज़रूरत पर बल दिया। चीन के जी-फ़ाइव नेटवर्क के प्रति सावधान रहने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया। इस चर्चा में ईरान पर भी चर्चा हुई।
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