रांची। झारखंड में ई-सिगरेट पर प्रतिबंध लगाने के बाद अब स्वास्थ्य विभाग और पुलिस मिलकर इसे रोकेंगे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को इस संबंध में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये देश के तमाम राज्यों को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किया है।
झारखंड से इस वीडियो कांफ्रेंसिंग में शामिल राज्य के स्वास्थ्य सचिव नितीन मदन कुलकर्णी ने ई-सिगरेट की ऑनलाइन डेलिवरी सिस्टम पर रोक लगाने का सुझाव देते हुए बताया कि इस माध्यम से सिगरेट सीधे ग्राहकों के पास पहुंच रहा है। इससे उत्पाद और उपभोक्ता के बीच कोई चेक प्वायंट नहीं बचता। इसलिए डेलिवरी प्वायंट पर ही रोकथाम की व्यवस्था से प्रतिबंध कारगर होगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने ई-सिगरेट की ऑनलाइन डेलिवरी सिस्टम पर रोक के सुझाव पर अमल का भरोसा दिया।
उल्लेखनीय है कि ई- सिगरेट पर इस वर्ष 18 सितम्बर को एक अध्यादेश के माध्यम से पूरे देश में प्रतिबंध लगाया गया है। राज्य सरकार ने केंद्र की एडवाइजरी के आलोक में मार्च में ही इसे पूरे राज्य में प्रतिबंधित कर दिया था।
स्कूल-कॉलेज पर करें फोकस
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने ई-सिगरेट पर प्रतिबंध लगने के बाद स्कूल-कॉलेजों पर विशेष फोकस करते हुए इसकी सतत निगरानी पर बल दिया। इस पूरी प्रक्रिया में शिक्षकों को भी सहभागी बनाते हुए कक्षा 10 से 12वीं तक के क्लासों के छात्रों पर विशेष नजर रखने का निर्देश दिया गया। इसके अलावा पान-गुटखा दुकानों पर भी निगरानी रखने और सतत जांच करते रहने पर बल दिया गया।
व्यापक प्रचार-प्रसार होगा
कुलकर्णी ने बताया कि ई-सिगरेट पर प्रतिबंध को असरदार बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग इसका विभिन्न माध्यमों से व्यापक प्रचार-प्रसार कर लोगों को जागरूक करेगा। उन्होंने कहा कि प्रयास यह होगा कि प्रतिबंध की शुरुआत घर-परिवार से हो। इसके लिए माता-पिता को भी विज्ञापन के माध्यम से बताया जाएगा कि वे कैसे बच्चों पर निगरानी रखें और ई-सिगरेट की लत से बचाएं। उन्होंने बताया कि दो दिन पहले दिल्ली के एक स्कूल में औचक निरीक्षण में डेढ़ सौ से अधिक बच्चों के पास से ई-सिगरेट जब्त हुए। यह चिंताजनक स्थिति है। उन्होंने कहा कि ई-सिगरेट पेन, पेंसिल सहित अन्य ऐसे उत्पादों के आकार में बन रहे हैं, जिस पर शक की गुंजाइश कम रहती है। यही कारण है कि विभाग अपना फोकस एरिया स्कूल-कॉलेज से लेकर घर-परिवार तक रखने जा रहा है।
पुलिस मजबूती से करेगी रोकथाम
ई-सिगरेट की रोकथाम को लेकर राज्य की पुलिस भी मजबूत कदम उठाएगी। डीजी मुख्यालय पीआरके नायडू ने कहा कि वे जल्द ही राज्य के सभी एसपी के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग कर इसकी रोकथाम के उपायों पर चर्चा करेंगे। उनके माध्यम से सभी थानों को भी अपने-अपने क्षेत्र में ई-सिगरेट की बिक्री, भंडारण, सेवन आदि पर चौकसी बरतने के निर्देश दिए जाएंगे।
ग्लोबल चिंता का कारण बनी ई-सिगरेट
बताते चलें कि अमेरिका में एक वर्ष के भीतर ई-सिगरेट का उपयोग 77 फीसदी बढ़ने के बाद इस पर ग्लोबल चिंता सामने आई है। एक अनुमान के अनुसार भारत के बड़े शहर लगातार इसकी गिरफ्त में आ रहे हैं और इसका प्रसार धीरे-धीरे मध्यम और छोटे शहरों की ओर भी बढ़ रहा है। यह सिगरेट परंपरागत सिगरेट से अलग दिखने तथा गंधरहित होने से धूम्रपान करनेवाले युवाओं और चोरी-छिपे सेवन करने वाले बच्चों की की संख्या बढ़ रही है। चितांजनक बात यह है कि इसका सेवन जितना आसान है, उतना ही अधिक यह नुकसानदायक भी है।
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