Dhanbad : सिविल कोर्ट में 4500 से अधिक वकील, अधिकतर की हालत खराब,वर्चुअल कोर्ट ने बिगाड़ दी वकीलों की आर्थिक सूरत

Dhanbad : कोरोना की पहली वेब में 23 मार्च 2020 को फिजिकल कोर्ट बंद कर दिया गया था और वर्चुअल कोर्ट शुरू किया गया था. कोरोना की रफ़्तार कम हुई, तो 16 अगस्त 2021 से फिजिकल कोर्ट शुरू किया गया. अब कोरोना की तीसरी लहर है, जिसे देखते हुए 3 जनवरी 2022 से कोर्ट को फिर वर्चुअल कर दिया गया है .

Jharkhand : सरकार बजट पेश कर बेहतर परिणाम प्राप्त करने का प्रयास करेगी : हेमन्त सोरेन

कोरोना काल में 17 महीना कोर्ट बंद रहा. इस दौरान सिर्फ वर्चुअल कोर्ट चला . इस कारण वकीलों की आर्थिक स्थिति ख़राब हुई. नए वकीलों को काफी परेशानी हुई. वर्चुअल कोर्ट होने से न तो गवाही हो पाती है और न सुनवाई .

वकीलों को कोर्ट नहीं आने और टेबल पर नहीं बैठने से क्लाइंट नहीं मिलते थे, जिससे आमदनी का स्रोत बंद हो गया. आर्थिक हालत ख़राब हो गई. पहले की बंदी में भुखमरी की स्थिति हो गई थी. एक बार फिर वही हालत होने लगी है. धनबाद सिविल कोर्ट में 4500 वकील हैं. जिसमें अधिकतर छोटे वकील हैं, जिनको परेशनी झेलनी पड़ी थी. इधर फरियादियों को भी वर्चुअल कोर्ट से परेशानी झेलनी पड़ रही है. आम दिनों में एक दिन में ही सुनवाई और गवाही हो जाती थी.अपनी बात भी दोनों पक्ष आमने -सामने रखते थे. लेकिन, अब तीन दिन लग रहे हैं . अब शिकायतों को ड्रॉप बॉक्स में डाला जा रहा है .दूसरे दिन निकाला जा रहा है. तीसरे दिन सुनवाई हो रही है.

क्या आपको पता है झारखण्ड सरकार की योजनाओं के पीछे कौन है

गौरतलब है कि,कोरोना की तीसरी लहर में सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के निर्देश पर सिविल कोर्ट को वर्चुअल कर दिया गया है. अब आम लोगों के कोर्ट में प्रवेश पर रोक है. सिर्फ अधिवक्ता ही प्रवेश कर सकते हैं. कोर्ट गेट पर पुलिस के जवान तैनात कर दिए गए हैं .

ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें और खबरें देखने के लिए यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें। www.avnpost.com पर विस्तार से पढ़ें शिक्षा, राजनीति, धर्म और अन्य ताजा तरीन खबरें

This post has already been read 33009 times!

Sharing this

Related posts