नई दिल्ली। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने गोएयर के ए 320 नियो विमानों में 3000 से अधिक घंटे तक इस्तेमाल किये जा चुके सभी प्रैट एंड व्हिटनी इंजनों का निरीक्षण करने का मंगलवार को फैसला किया। यह निर्णय ऐसे समय में लिया गया है जब सोमवार को गुवाहाटी से उड़ान भरने के बाद गोएयर के ए 320 नियो विमान के पीडब्ल्यू इंजन में आसमान में तकनीकी गड़बड़ी हो गयी थी। उसे दस मिनट के अंदर ही लौटना पड़ा था। उसमें 132 यात्री थे। डीजीसीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘हम गोएयर के उन विमानों का निरीक्षण करेंगे जिनमें पीडब्ल्यू इंजन हैं और जिन्हें 3000 घंटे से अधिक समय तक उपयोग में लाया जा चुका है। निरीक्षण के बाद हम तय करेंगे कि इस मामले में क्या कार्रवाई करनी है।’’ इससे पहले इंडिगो के ए 320 नियो परिवार के पीडब्ल्यू इंजनों में ऐसी घटनाएं सामने आ रही थीं और महानिदेशालय ने 28 अक्टूबर को उसे उन 16 पीडब्ल्यू इंजनों को 15 दिनों में बदलने का आदेश दिया था जिन्हें 3000 से अधिक घंटे तक उपयोग में लाया जा चुका है। सुरक्षा पहलू को लेकर चिंतिंत डीजीसीए ने एक नवंबर को इंडिगो को एक और आदेश भेजा था और कहा था कि उसके बेड़े में ए 320 नियो परिवार के सभी 97 विमानों में अगले साल 31 जनवरी तक ‘किसी भी कीमत पर’ नया पीडब्ल्यू इंजन लग जाना चाहिए।
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