नई दिल्ली। वन क्षेत्रों में आग लगने की घटनाओं के कारण वनसंपदा को होने वाले नुकसान को रोकने के लिये उपग्रहों से सतत निगरानी सहित अन्य तकनीकों के इस्तेमाल के बावजूद पिछले तीन साल के दौरान जंगलों में आग की घटनायें तीन गुना तक बढ.गयी हैं। वन क्षेत्रों में आग लगने की घटनाओं पर निगरानी से जुड़े पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 2016 में देश भर में जंगलों में आग लगने की 37,636 घटनायें दर्ज की गयी थीं, जो कि 2018 में बढ़कर 1.17 लाख हो गयी। वन क्षेत्र और वन संपदा की समीक्षा के बारे में मंत्रालय की संसद में पिछले सप्ताह पेश रिपोर्ट के अनुसार पिछले तीन साल के दौरान जंगल में आग लगने की घटनाओं में सर्वाधिक बढ़ातरी ओडिशा और आंध्र प्रदेश में हुयी है।
वनाग्नि की घटनाओं के राज्यवार आंकड़ों के मुताबिक ओडिशा में 2016 में 2,572 घटनायें दर्ज की गयी थीं। इनकी संख्या 2017 में बढ़कर 36,827 हो गयी और 2018 में थोड़ी गिरावट के साथ 31,680 पर आ गयी। वहीं, आंध्र प्रदेश के जंगलों में 2016 में आग की 8,885 घटनायें दर्ज की गयी थीं। इनकी संख्या 2017 में बढ़कर 8,274 हो गयी और 2018 में 16,171 पर पहुंच गयी। वन अग्नि की घटनाओं में भारी बढ़ोतरी वाले राज्यों में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, राजस्थान और मणिपुर शामिल हैं। रिपोर्ट के अनुसार मंत्रालय वन क्षेत्र में आग की घटनाओं को रोकने के लिये उपग्रह आधारित दूरसंवेदी प्रौद्योगिकी जीआईएस तकनीक की मदद ले रहा है।
इसके तहत 2004 में भारतीय वन सर्वेक्षण ने अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ‘नासा’ के उपग्रह की मदद से राज्य सरकारों को जंगल में आग लगने की घटनाओं की चेतावनी देना भी शुरु कर दिया है। इसके लिये 2017 में सेंसर तकनीक की मदद से रात के समय जंगलों में आग की घटनाओं की भी निगरानी शुरु की गयी। मंत्रालय ने इन घटनाओं में लगातार इजाफे को देखते हुये इस साल जनवरी में ‘व्यापक वन अग्नि निगरानी कार्यक्रम’ शुरु कर रियल टाइम आधार पर राज्यों के निगरानी तंत्र को मजबूत किया जा रहा है। रिपोर्ट के अनुसार मंत्रालय द्वारा राज्यों के लिये शुरु की गयी तकनीकी मदद की पहल के फलस्वरूप बिहार और असम सहित कुछ अन्य राज्यों में जंगलों में आग की घटनायें कम करने में भी कामयाबी मिली है।
आंकड़ों के मुताबिक वनक्षेत्र की अधिकता वाले राज्य असम में वन अग्नि की 2016 में 3303 घटनायें दर्ज की गयी थीं, जो 2017 में घटकर 2405 और 2018 में 2200 रह गयी। वहीं, बिहार के जंगलों में आग लगने की 2016 में 332 घटनायें हुयी, जो 2017 में बढ़कर 581 हो गयी लेकिन 2018 में घटकर 293 रह गयी। इन घटनाओं में कमी वाले राज्यों में जम्मू कश्मीर, केरल, गोवा, नगालैंड और मिजोरम शामिल हैं। नगालैंड में तीन साल में जंगलों की आग की घटनायें तीन से घटकर शून्य हो गयी है जबकि मिजोरम में यह संख्या 298 से घटकर 20 पर आ गयी है।
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