नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में सरकारी डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए नियम बनाए जाने की मांग को खारिज कर दिया है। वकील आलोक अलख श्रीवास्त की ओर से याचिका दायर कर सरकारी अस्पतालों में सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाने की मांग की गई थी। पिछले 18 जून को कोर्ट ने कहा था कि हम आम लोगों और कानून व्यवस्था के मूल्य पर डॉक्टरों को सुरक्षा देने का आदेश जारी नहीं कर सकते हैं। हम पुलिस बल की उपलब्धता के आधार पर ही कोई भी फैसला करेंगे। याचिका में पश्चिम बंगाल के एनआरएस मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों पर हमला करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की गई थी। याचिका में मांग की गई थी कि सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की सुरक्षा के गार्ड्स की तैनाती की जाए। याचिका में कहा गया था कि मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले 10 जून को 75 वर्षीय बुजुर्ग रोगी की कोलकाता के एनआरएस अस्पताल में मौत हो गई थी। इसके बाद मृतत के रिश्तेदारों ने वहां मौजूद जूनियर डॉक्टरों की जमकर पिटाई की। उस हमले में एक परिबाहा मुखर्जी नामक जूनियर डॉक्टर को गंभीर चोटें आई। घटना के विरोध में पश्चिम बंगाल और देश के दूसरे हिस्सों में जूनियर डॉक्टर्स हड़ताल पर चले गए थे। याचिका में कहा गया था कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन(आईएमए) की रिपोर्ट के मुताबिक देशभर के 75 फीसदी से ज्यादा डॉक्टर्स को किसी न किसी तरह की हिंसा का सामना करना पड़ता है। अस्पतालों के आईसीयू में हिंसा की 50 फीसदी घटनाएं हुई हैं। 70 फीसदी हिंसा के मामलों में मरीजों के रिश्तेदार शामिल रहे हैं।
This post has already been read 7461 times!