ईरान के साथ गतिरोध : अमेरिका का जोर कूटनीति पर

वाशिंगटन। संयुक्त राष्ट्र में ईरान का मुद्दा उठाने का इरादा जाहिर करते हुए अमेरिका ने कहा है कि वह सऊदी अरब के महत्त्वपूर्ण तेल संयंत्र पर विनाशकारी हमले के मद्देनजर कूटनीति को ‘‘सफल होने का प्रत्येक अवसर’’ देना चाहता है। ईरान के खिलाफ अमेरिकी सेना की जवाबी कार्रवाई की चेतावनी को तवज्जो न देते हुये विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के वार्षिक सत्र में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के संबोधन के लिए एक तरह से पृष्ठभूमि तैयार कर रहे थे। पोम्पिओ ने एबीसी के ‘‘दिस वीक’’ को दिए एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘राष्ट्रपति ट्रम्प और मैं दोनों कूटनीति को सफल होने का हर अवसर देना चाहते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारे प्रशासन ने इसे गंभीरता से लिया है और हम यह देखने के लिए पूरी लगन से काम कर रहे हैं कि इसका एक कूटनीतिक परिणाम निकले।’’उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन इसको लेकर कोई गलती न करें, अगर हम इसमें असफल रहे और ईरान इस तरह से हमला करना जारी रखता है, तो मुझे विश्वास है कि राष्ट्रपति ट्रम्प हमारे उद्देश्यों को हासिल करने के लिए आवश्यक निर्णय लेंगे।’’अमेरिका ने तेहरान पर 14 सितंबर को सऊदी अरब के अबकेक संयंत्र और खुराइस तेल क्षेत्र पर हवाई हमले करने का आरोप लगाया है, जिससे उनमें आग लग गई तथा देश का तेल उत्पादन आधा हो गया। ईरान ने इन हमलों में अपना हाथ होने से इंकार किया है। हमलों की जिम्मेदारी यमन के ईरान समर्थित हुथी विद्रोहियों ने ली है।

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