रांची। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राष्ट्रीय प्रवक्ता और सांसद मीनाक्षी लेखी ने कहा कि विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के दौरान कांग्रेस ने बंदूक लहराकर जनता को अपना असली चेहरा दिखाया है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की बात करने वाले अब खुले में बंदूक लहराकर वोट डालने वालों को धमका रहे हैं। कांग्रेस की यही परंपरा रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस उम्मीदवार केएन त्रिपाठी ने जिस तरह से बंदूक लहराकर जनता को धमकाने का प्रयास किया है, वह सरासर गलत है। लेखी शनिवार को अरगोड़ा चौक स्थित भाजपा के मीडिया सेंटर में प्रेस कांफ्रेंस में बोल रही थी।उन्होंने कहा कि पहले के जमाने में बूथ लूटे जाते थे। ये वही लोग हैं, जो ऐसा करते थे। यह वहीं लोग हैं, जो ईवीएम पर सवाल उठाते हैं। यहां के आदिवासी समाज को लूटा गया। उनकी विरासत को छीना गया। उन्होंने कहा कि हाल ही में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने बयान दिया है कि हमें आदिवासियों के अलावा किसी का वोट नहीं चाहिए। जब हेमंत मुख्यमंत्री थे तो आदिवासियों के लिए क्या किया। उन्होंने कहा कि झारखंड में नक्सलवाद इन्होंने ही पैदा किया। इन्होंने झारखंड की प्रगति के लिए कोई काम नहीं किया है। भाजपा सरकार ने पिछले पांच वर्षों में कई कार्य किये हैं। इनमें शौचालय निर्माण, प्रधानमंत्री आवास योजना, आयुष्मान भारत, उज्जवला योजना, 30 लाख घरों में बिजली पहुंचाने सहित अन्य शामिल है। यह तभी संभव हो पाया, क्योंकि केंद्र और राज्य में भाजपा की सरकार थी। केंद्र और राज्य सरकार की योजना को लागू किया गया। जिससे यहां के लोगों को लाभ मिला। उन्होंने कहा कि उन्हें दिल्ली में बहुत परेशानी होती है। वहां पर अभीतक आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं हो पाया लेकिन झारखंड आकर अच्छा लगता है कि यहां पर डबल इंजन की सरकार बेहतर काम कर रही है। लेखी ने कहा कि कांग्रेस सत्ता से बाहर नहीं रह सकती इसलिए कांग्रेस ने झामुमो के साथ गठबंधन किया है। कांग्रेस ने जिस प्रकार से राजनीति की है, पुराने दिन याद दिला दिये। यही कारण है कि कांग्रेस के उम्मीदवार खुलेआम बंदूक लहराकर जनता को डराने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर चुनाव आयोग कार्रवाई नहीं करता है तो भाजपा इसपर विचार करेगी। लेकिन सूचना मिली है कि उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन ने झारखंड पब्लिक कमीशन बिठाया लेकिन यहां की स्थानीय भाषा को ही हटा दिया। पिछले पांच वर्षों में गरीबी हटी है। आज झारखंड अग्रिम पंक्ति में खड़ा है। हेमंत सोरेन आदिवासियों के नाम पर वोट मांगते हैं लेकिन उनके लिए कुछ नहीं करते। इनके राज में झारखंड की क्या हालत थी, यह किसी से छिपा नहीं है। आज झारखंड को स्पोर्टस यूनिवर्सिटी मिली है। यहां की प्रतिभा आज राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहुंच रही है। लेखी से यह पूछे जाने पर पिछले पांच वर्ष में रघुवर सरकार एक भी झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) की परीक्षा नहीं करा पायी। इसपर उन्होंने कहा कि मामला कोर्ट में है। प्रेसवार्ता में मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक, संजय जयसवाल, राजश्री जयंती आदि मौजूद थी।
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