एनपीआर के भेष में एनआरसी ला रही है सरकार : कांग्रेस

नई दिल्ली । कांग्रेस ने गुरुवार को आरोप लगाया कि सरकार राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के नाम पर राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) लाने जा रही है। उन्होंने कहा कि संयुक्त प्रगतीशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के कार्यकाल के दौरान लाए गए फार्म की ही तरह वर्तमान फार्म नहीं हुआ तो कांग्रेस विरोध करेगी।

दिल्ली में पार्टी मुख्यालय पर प्रेसवार्ता करते हुए कांग्रेस नेता अजय माकन ने कहा कि 2003 में नागरिकता विधेयक में संशोधन हुआ। इसमें एक अनुच्छेद जोड़ा गया (14ए)। इसमें कहा गया कि सरकार अनिवार्य रूप से प्रत्येक नागरिक को पंजीकृत कर सकती है। सरकार भारतीय नागरिकों का राष्ट्रीय रजिस्टर रख सकती है।

उन्होंने कहा कि नवम्बर 2003 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर नागरिकों के पहचान पत्र बनाने का काम शुरू किया। अक्टूबर 2006 में भारत सरकार की सीओएस ने कठिनाइयों और व्यवहारिक न मानते हुए परियोजना को रोकने की बात कही। इसके बाद मंत्रियों के अधिकारप्राप्त समूह ने इस प्रोजेक्ट को रोकने का फैसला किया।

माकन ने कहा कि भाजपा ने पिछले 5 साल में कहीं पर भी ‘सामान्य निवासी’ की बात नहीं की, बल्कि हमेशा एनआरसी की बात की है। एनपीआर की बात उन्होंने कभी की ही नहीं।

उन्होंने कहा कि 2019 में एनपीआर के प्री-टेस्ट में 30 लाख लोगों को शामिल किया गया। इस प्री-टेस्ट फॉर्म में माता-पिता, पति-पत्नी जो उस घर में नहीं रहे हैं, उनकी जन्मतिथि माता-पिता किस देश में पैदा हुए, आधार, मोबाइल, वोटर आईडी, लाइसेंस नम्बर, की जानकारी मांगी जा रही है। ये पूरी तरह से आपकी गोपनीयता पर हमला है। ये सरकार एनआरसी को एनआरपी के भेष में लागू करना चाहती है।

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