‘कमल’ खिलाने को मुख्यमंत्री योगी ने की 55 दिन में 163 जनसभाएं

लखनऊ। लोकसभा चुनाव के दौरान उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नरेन्द्र भाई मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री बनाने और कमल खिलाने को तुफानी दौरा किया। उन्होंने चुनावी दौरा 24 मार्च से सहारनपुर के शाकम्भरी देवी से शुरू कर 17 मई को गोरखपुर में समापन किया। इस बीच 55 दिन में मुख्यमंत्री ने यूपी सहित नौ राज्यों में 163 जनसभाएं की। वे अपनी जनसभा में जहां वंशवाद व जातिवाद पर लगातार हमला करते रहे, वहीं आतंकवाद, नक्सलवाद, बांग्लोदशी घुसपैठ व सुरक्षा पर विपक्षियों को जमकर घेरा और ठीक से पटखनी दी। 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मीडिया सलाहकार मृत्युंजय कुमार ने बताया कि सीएम ने दूसरे नौ राज्यों में पश्चिम बंगाल में छह जनसभाओं को संबोधित किया। इसके अलावा मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ सहित अन्य आठ दूसरे राज्यों में भी जनसभा करने के लिए गये। दूसरे राज्यों में सीएम की कुल 27 जनसभाएं रखी गयी थीं और हर जगह सीएम योगी आदित्यनाथ पहुंचे। पश्चिम बंगाल में तो सीएम की जनसभाओं को रोकने का भी प्रयास किया गया। इसके बावजूद सीएम ने वहां की जनभावनाओं को ध्यान में रखते हुए सभा की।
55 दिन के अंदर मुख्यमंत्री योगी की प्रतिदिन औसतन तीन जनसभाएं होती रहीं। बीच में तीन दिन तक चुनाव आयोग ने सीएम की जनसभा को प्रतिबंधित भी कर दिया था। यदि उस तीन दिन को निकाल दिया जाय तो औसतन प्रतिदिन सीएम ने सवा तीन जनसभाओं को संबोधित किया। सीएम की जनसभाओं में राष्ट्रहित, कट्टरता और निश्छलता ने लोगों को ज्यादा प्रभावित किया।
अपनी किसी भी जनसभा में सीएम ने तुष्टिकरण की नीति अपनाने की कोशिश नहीं की, जो मतदाताओं को प्रभावित करती रही। लोगों के मन में यह धारणा बैठ गयी कि संत योगी निश्चय ही वोट की राजनीति से परे अपने विचार को निश्छल भाव से रख रहे हैं, जिसका अभाव अधिकांश जगहों पर देखने को मिल रहा था।

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