मुख्यमंत्री और केंद्रीय विद्युत एवं ऊर्जा राज्यमंत्री ने रिम्स में पावरग्रिड विश्राम सदन का किया शिलान्यास

रांची। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि रिम्स आधुनिक सुविधाओं से युक्त संस्थान के तौर पर अपनी पहचान स्थापित करने की दिशा में अग्रसर है। रिम्स आधुनिक तकनीकों से युक्त संस्थान के रूप में जाना जाए, इसके लिए आज 23 करोड़ 82 लाख की लागत से निर्मित प्रशासनिक भवन, 64 करोड़ की लागत से निर्मित ट्रॉमा सेंटर और 89.70 लाख की लागत से छात्राओं के लिए निर्मित हॉस्टल का उद्घाटन किया गया। उन्होंने कहा कि मरीजों के साथ रिम्स आने वाले परिजनों को परेशानी न हो, इसके लिए आज 245 बेड के विश्राम सदन की आधारशिला रखते हुए उन्हें खुशी हो रही है। 15 करोड़ की लागत से विश्राम सदन का निर्माण होगा। इसके निर्माण की अवधि 15 माह निर्धारित है।

दास रविवार को रिम्स परिसर में पावरग्रिड विश्राम सदन के शिलान्यास कार्यक्रम में बोल रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि रिम्स में ज्यादातर गरीब मरीज इलाज कराने आते हैं और उनके साथ उनके परिजन भी होते हैं। रिम्स में परिजनों के ठहरने की व्यवस्था नहीं होने की जानकारी उन्हें थी, इसलिए विश्राम सदन बनवाया जा रहा है। यह गरीब मरीजों के परिजनों को समर्पित होगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि 108 एम्बुलेंस सेवा लगातार जरूरतमंदों को समय पर अपनी सेवा देकर परोपकार की कहानी कह रहा है। 108 एम्बुलेंस सेवा अबतक करीब 2.50 लाख लोगों को अपनी सेवा दे चुका है। सबसे अधिक लाभ राज्य के गरीब और जनजाति क्षेत्र के लोगों को मिल रहा है, जिन्होंने अपने जीवन को सुरक्षित किया।

दास ने कहा कि केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी आयुष्मान योजना का शुभारंभ झारखण्ड से 23 सितंबर 2018 को प्रधानमंत्री ने किया था। सरकार ने इस योजना में राज्य के 57 लाख परिवारों को लाभान्वित करने के लिए 400 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रवधान बजट में किया। अबतक 25 लाख गरीब परिवारों को गोल्डन कार्ड दिया गया है, करीब 30 लाख परिवार अब भी गोल्डन कार्ड से वंचित हैं। 23 सितंबर 2019 तक राज्य के सभी 57 लाख परिवारों को पांच लाख के स्वास्थ्य बीमा योजना से आच्छादित कर दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने बताया कि 67 साल में राज्य में मात्र 38 ग्रिड थे। साढ़े चार साल में राज्य सरकार ने 60 ग्रिड, 257 सब स्टेशन और किसानों के लिए 300 कृषि फीडर निर्माण के कार्य में 80 प्रतिशत कार्य पूर्ण कर चुकी है। दिसंबर 2019 तक 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराने का प्रयास सरकार का होगा। सुदूरवर्ती पहाड़ पर निवास करने वाले लोग हों या घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र यथा सारंडा का गुदड़ी, लातेहार का गारू व सरजू या फिर लोहरदगा का पेशरार, सरकार ने इन सभी क्षेत्रों को बिजली से आच्छादित कर दिया है।

इस मौके पर केंद्रीय राज्य मंत्री विद्युत, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आरके सिंह ने कहा कि रिम्स की जरूरत को देखते हुए विश्राम सदन में 100 बेड की अतरिक्त व्यवस्था करें। 100 बेड के विश्राम सदन निर्माण के लिए जमीन आपको उपलब्ध करा दिया गया है। केंद्र सरकार इसकी अनुमति पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड को देती है। मरीजों के परिजनों को किसी प्रकार की परेशानी न हो इसका ध्यान रखा जाएगा। समय की मांग के अनुसार एक से अधिक विश्राम सदन बनाने की दिशा में भी कार्य होंगे। केंद्र सरकार वैसे स्थानों पर विश्राम स्थल बनाने पर जोर दे रही है, जहां गरीब मरीजों का अधिक संख्या में आना होता है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का संकल्प है वन नेशन, वन ग्रिड। 2014 से पूर्व बिजली से वंचित लोग सोचते थे कि क्या कभी उनके घरों तक बिजली पहुंचेगी लेकिन 2014 के बाद निरंतर बिजली के क्षेत्र में कार्य हुए और बिजली से वंचित घर तक बिजली पहुंचाई गई। अब पूरी दृढ़ता से कार्य हो रहे हैं ताकि 24 घंटे बिजली दी जा सके।

स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने कहा कि रिम्स में समय की मांग के अनुरूप संसाधन जुटाए गए हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर एम्स की तर्ज पर रिम्स में भी ट्रॉमा सेंटर बना और आज उसका उद्घाटन भी हुआ। यह राज्य के लिए बड़ी सौगात है। प्रशासनिक भवन का निर्माण होने से अब रिम्स में कार्यरत लोगों को परेशानी नहीं होगी। रिम्स में पढ़ाई कर रही बच्चियों को हॉस्टल की सौगात दी गई। इस अवसर पर सांसद संजय सेठ, विधायक कांके डॉ जीतू चरण राम, सचिव स्वास्थ्य विभाग डॉ नितिन मदन कुलकर्णी, निदेशक रिम्स डीके सिंह, सीएमडी पावर ग्रिड कारपोरेशन इंडिया लिमिटेड रवि प्रकाश सिंह आदि उपस्थित थे।

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